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Mahakumbh Stampede Update: 30 श्रद्धालुओं की मौत पर भावुक हुए सीएम योगी, मुआवजे के ऐलान के साथ न्यायिक जांच के आदेश

Mahakumbh Stampede Update: 30 श्रद्धालुओं की मौत पर भावुक हुए सीएम योगी, दिए न्यायिक जांच के आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ भगदड़ पर बुधवार शाम को फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान वह काफी भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि 30 के आस-पास मौतें हुई हैं। मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदना सभी मृतकों के परिजन के साथ है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक मदद की घोषणा की। न्यायिक जांच के आदेश भी दिए। सीएम योगी ने कहा कि घटना की न्यायिक जांच के लिए हमने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिसमें जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में आयोग बनाया गया है। न्यायिक आयोग एक समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी खुद प्रयागराज का दौरा करेंगे।

इससे पहले मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।

शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है। मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

उन्होंने बताया, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

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