उत्तर प्रदेश, हेल्थ

Lucknow: कुष्ठ रोगी खोजी अभियान का शुभारंभ, जागरूकता रैली भी रवाना  

Lucknow: कुष्ठ रोगी खोजी अभियान का शुभारंभ, जागरूकता रैली भी रवाना  
  • जनपद से जल्द होगा कुष्ठ का उन्मूलन: मुकेश शर्मा 

लखनऊ: सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा ने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोगी खोजी अभियान (एलसीडीसी) का शुभारंभ किया। साथ ही कुष्ठ जागरूकता रैली और अभियान में लगी टीमों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में मुकेश शर्मा ने कहा कि विभाग समय-समय पर कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान करता है। इससे समय से रोग की पहचान होती है और रोगी को दिव्यान्गता में जाने से रोका जा सकता है।  अगर इसी तरह निरंतर प्रयास किया जाएगा तो समय पर जनपद से इस बीमारी का उन्मूलन हो जायेगा।  कुष्ठ रोग के प्रति समाज को जागरूक करना बहुत जरूरी है क्योंकि इसको लेकर लोगों में बहुत से भ्रांतियां व्याप्त हैं।

Lucknow: कुष्ठ रोगी खोजी अभियान का शुभारंभ, जागरूकता रैली भी रवाना  

47 जनपदों में चलाया जायेगा कुष्ठ रोगी खोजी अभियान

राज्य कुष्ठ अधिकारी डॉ. जया देहलवी ने बताया कि 14 दिवसीय कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एक से 12 मार्च और 17 से 18 मार्च तक चलेगा। यह अभियान लखनऊ, एटा, आगरा, वाराणसी सहित 47 जनपदों में चलाया जायेगा। बैक्टीरिया द्वारा होने वाला यह रोग संक्रामक होता है। इसका इलाज मल्टी ड्रग थेरपी (एमडीटी) द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क किया जाता है। कुष्ठ रोग के लक्षण आने पर क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता या एएनएम से सम्पर्क करें या पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं। सही इलाज न कराने से निश्चित दिव्यांगता आ जाती है जो कभी ठीक नहीं होती।

अभियान को सफल बनाने के लिए 4569 टीमें और 867 सुपरवाइजर नियुक्त

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि 14 दिवसीय अभियान का संचालन करने के लिए 4569 टीमें और 867 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। वर्तमान में जनपद में कुष्ठ से पीड़ित कुल 227  मरीज हैं। साल 2024-25 में कुष्ठ के 256 नए मरीज ढूँढे गए थे। कुल 200 मरीजों का इलाज पूरा हो चुका है और वह कुष्ठ मुक्त हो चुके हैं। कुष्ठ से दिव्यांग हुए रोगियों सरकार द्वारा पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध है।

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. एके सिंघल ने कहा कि यह अभियान सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलेगा। हर टीम में एक आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक पुरुष कार्यकर्ता होंगे। टीम द्वारा घर-घर जाकर लक्षणों के आधार पर लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी और चिन्हित संभावित कुष्ठ रोगियों को संदर्भन पर्ची के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा जाएगा जहां वरीयता के आधार पर उनका इलाज किया जाएगा।

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