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Kolkata Case: SC ने टास्क फोर्स का किया गठन, 22 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट

Supreme Court में करनी है नौकरी तो जानें अप्लाई करने की क्या है योग्यता

नई दिल्ली: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. इसी के साथ ही कोर्ट ने 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए सर्जन-मेजर आरपी सरीन की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया. इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने RG कर हॉस्पिटल की सुरक्षा CISF को सौंप दी है. इसी के साथ कहा है कि तोड़फोड़ के बाद हम पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते.

कोर्ट 22 अगस्त को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हमने यह स्वत: संज्ञान इसलिए कि यह सिर्फ कोलकाता का एक भयावाह मामला नहीं है, बल्कि देश डॉक्टरों की सुरक्षा का मसला है. खासतौर पर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके वर्किंग ऑवर का मसला है और नर्सिंग स्टाफ, इस पर एक राष्ट्रीय सहमति बननी चाहिए कि महिलाओं की सुरक्षा हो, उन्हें संविधान में समानता मिली है. हमारा फैसला है कि रेप पीड़िता का नाम तक नहीं सार्वजनिक किया जाना है और यहां तस्वीरें तक दिखा दी गईं.

कोर्ट ने जाहिर की नाराज़गी

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ जो आरोप लगाए जा रहे है गलत है. तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. कोर्ट ने पूछा कि क्या हत्या का मामला दर्ज किया गया था. याचिकाकर्ता ने कहा कि नही नेचुरल मौत का मामला दर्ज किया गया. सीजेआई ने सिब्बल से पूछा कि परिजनों को कब डेड बॉडी सौपी गई. बॉडी सौपने में देरी क्यों हुई. कोर्ट ने एफआईआर देर से दर्ज करने पर भी नाराजगी जाहिर की है.

सीजेआई ने कहा कि इतना भयानक अपराध हुआ और क्राइम सीन को संरक्षित नहीं किया गया. पुलिस क्या कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पूरे मामले पर निगरानी करेंगे. कोर्ट ने कहा कि ये डॉक्टर की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि इस मामले में उनका मदद करेगा. कोर्ट ने कहा कि ये सिर्फ एक हत्या का मामला नही है. कोर्ट ने कहा कि प्रिंसिपल क्या कर रहे थे. कोर्ट ने कहा कि वो नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे है, जिसमें डॉक्टरों की भी भागीदारी होगी. सीजेआई ने डॉक्टर्स को कोर्ट पर भरोसा करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि सरकार हिंसा को क्यों नहीं रोक पाई.

प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर बल प्रयोग करें

कोर्ट ने कहा है कि प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर बल प्रयोग न करें. सीजेआई ने कहा कि क्रूरता ने अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है. कोर्ट ने डॉक्टर्स को काम पर वापस लौटने को कहा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव रोहित पांडेय और वकील उज्ज्वल गौड़ ने सीजेआई को पत्र लिखकर मामले में स्वतः संज्ञान लेने की मांग की थी. सीजेआई को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि यह मामला केवल एक निर्दोष के जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन ही नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की आत्मा पर हमला है क्योंकि यह न्याय और मानवता के आदर्शो का घोर आपमान है, जिसे हमारा संविधान बरकरार रखता है.

पत्र में यह भी कहा गया है कि जिस क्रूर तरीके से ट्रेनी डॉक्टर के जीवन को खत्म किया गया उसने हमारे राष्ट्र की सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है क्योंकि उसी परिसर में क्रूरतापूर्वक दुर्व्यवहार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जहां उसने मानवता की, सेवा करने के लिए ली गई शपथ का पालन करते हुए सेवा कर रही थी.

बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने मृतक के माता-पिता की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. सीबीआई के सूत्रों के माने तो ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय रॉय और कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित 19 लोगों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अस्पताल में मानव अंगों की तस्करी के रैकेट की बात कही है. इसमें कई बड़े लोग शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस हत्या के मामले की जड़े इतनी गहरी है कि इसके उजागर होने पर कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब हो सकते है. सीबीआई जांच में कई चीजें सामने आ रही है. छानबीन के दौरान 23 साल पहले 2001 में हुई कॉलेज की एक छात्रा की मौत की कड़ियां भी इस मामले से जुड़ती हुई नजर आ रही है. वही, कॉलेज में सेक्स और ड्रग्स रैकेट चलाए जाने के आरोप भी रहे है. हालांकि, सीबीआई की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नही आया है.

 

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