Congress Party: बिहार में पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। यह विस्तारित बैठक है, जिसमें राज्यों के कांग्रेसी सीएम, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस के लिए आज का दिन खास है। क्योंकि देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद पहली बार बिहार में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित हो रही है। बैठक सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक चलेगी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत देशभर से 150 से अधिक वरिष्ठ कांग्रेसी शामिल होंगे। वहीं बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में मौजूद सभी कांग्रसियों का स्वागत किया है।
देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने के अपनी प्रतिज्ञा को पुनः दोहराएँ
उन्होंने कहा, पटना में हो रही CWC की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जबकि, अन्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय, दोनो स्तरों पर भारत एक बेहद चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक दौर से गुज़र रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी मुसीबतें नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नाकामी और कूटनीतिक विफलता का नतीजा है। प्रधानमंत्री जिनको “मेरे दोस्त” बताकर ढिंढोरा पीटते हैं, वही दोस्त आज भारत को अनेकों संकट में डाल रहे हैं। आज जब हमारे Voter List से आधिकारिक रूप से छेड़छाड़ किया जा रहा है तो आवश्यक है कि हम लोकतंत्र की जननी बिहार में अपनी Extended CWC की मीटिंग आयोजित करके इस देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने के अपनी प्रतिज्ञा को पुनः दोहराएँ।
वोट काटने की साजिश रची जा रही
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, लोकतंत्र का आधार है निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव। परन्तु आज चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर ही भयंकर सवाल उठ रहे हैं। विभिन्न राज्यों में खुलासे हुए हैं, EC उन सवालों के जवाब देने के बजाय हम से AFFIDAVIT माँग रहा हैं। बिहार की ही तर्ज पर अब देश भर में लाखों लोगों के वोट काटने की साजिश रची जा रही है। वोट चोरी का मतलब है- दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अल्पसंख्यक, कमजोर और गरीब के राशन की चोरी, पेंशन चोरी, दवाई चोरी, बच्चों की Scholarship और परीक्षा की चोरी। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की वजह से बिहार की जनता में इसके बारे जागरूकता फैली और वो खुलकर राहुल गाँधी जी के समर्थन में आए।
युवा रोजगार के बिना भटक रहे हैं
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, आज हमारा देश कई समस्याओं से जूझ रहा है। ये समस्याएँ आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण और स्वायत्त संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाकर कमजोर किया जा रहा है। “2 करोड़ नौकरियों” का वादा अधूरा रहा। युवा रोजगार के बिना भटक रहे हैं। नोटबंदी और ग़लत GST ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया। 8 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री को अपनी गलती का एहसास हुआ। अब GST में वही सुधार लाए गए जिसकी माँग काँग्रेस पार्टी पहले दिन से कर रही थी ।