उत्तर प्रदेश, राजनीति, रोजगार, स्पेशल स्टोरी

कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए: सीएम

कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए: सीएम
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, यूपी-एससीआर परियोजना की डीपीआर प्रक्रिया में अब कोई विलंब न हो

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों के प्रकरणों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है, जिस भी प्राधिकरण में मानचित्र से जुड़े मामलों में बार-बार आपत्तियां लगाया जाना अनुचित हैं, इसे सरल रूप देते हुए एक ही बार में निस्तारित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा है कि ऐसे जो भी प्रकरण लंबित हैं, एक समय सीमा तय करते हुए उनका निस्तारण कर दिया जाए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि नगरों में जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान अब तक अप्रूव नहीं हुआ है, उसे वर्तमान माह की समाप्ति से पहले अनुमोदित करा लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय कार्ययोजना का आकलन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अधोसंरचना विकास एवं डिजिटल प्रबंधन जैसे सभी घटकों को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करना आवश्यक है। मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किमी. लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण पूर्ण हो गया है। कॉरीडोर 1 और 2 का कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर को भी दिसम्बर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, जबकि द्वितीय कॉरिडोर का कार्य 2026 तक निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में लखनऊ मेट्रो परियोजना के अंतर्गत चारबाग से बसंतकुंज तक (11.165 किमी) प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार की आवश्कता जताई, साथ ही जेपीएनआईएसी को यथाशीघ्र लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के भी निर्देश दिए।

कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए: सीएम

विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर को दो वर्ष में हो जाए निर्माण: सीएम

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रारूप पर 16 अप्रैल से 30 मई, 2025 तक जनसामान्य से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर इस उपविधि को अंतिम रूप में दिया जाएगा। लखनऊ में इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ₹900 करोड़ की लागत से 32.50 एकड़ भूमि पर केंद्र विकसित होने वाले इस विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर को अधिकतम 02 वर्ष में पूरा करा लिया जाए। यह कन्वेंशन सेंटर नए लखनऊ की पहचान बनेगी।

यूपी-एससीआर की अद्यतन स्थिति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जिलों को समाहित करती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किमी है। इसके डीपीआर की प्रक्रिया में अब विलंब न हो। बैठक में आगामी तीन माह की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। इसमें उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जैसे महत्वपूर्ण पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया शामिल है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के अंतर्गत क्रियाशील परियोजनाओं को पूर्ण कराए जाने हेतु संशोधित गाइडलाइन भी शीघ्र ही जारी की जाएगी।

सीएम ने सभी परियोजनाओं की समयबद्धता-गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तार/नए शहर प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अनुमोदित परियोजनाओं को जून 2025 से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से लॉन्च किया जाएगा। झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा (ककुआ), कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना), मथुरा (ट्रांसपोर्ट नगर), मुरादाबाद (डिडौसी), बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ और लखनऊ इसमें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईएस आधारित महायोजना संरचना के अंतर्गत प्रदेश के 59 नगरों की महायोजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 42 को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। शेष चार महायोजनाएं (झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ एवं बहराइच) के अनुमोदन की प्रक्रिया इसी माह में पूरी की जाए।

मुख्यमंत्री ने निजी निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने, प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवासीय योजनाएं संचालित करने और ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणीकरण, सोलर रूफटॉप सिस्टम, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग एवं अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य शहरी मानक के रूप में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपी आवास एप और रेरा पोर्टल को और अधिक सुगम एवं पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *