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विभागीय अधिकारी संचालित योजनाओं और नई संभावनाओं पर विशेष जोर दें: जयवीर सिंह

विभागीय अधिकारी संचालित योजनाओं और नई संभावनाओं पर विशेष जोर दें: जयवीर सिंह

लखनऊ: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यूपी के प्रमुख पर्यटन स्थलों, प्राकृतिक संपदा तथा वन्य जीव अभ्यारण सहित अन्य स्थलों की ब्राण्डिंग पर जोर देते हुए कहा कि विदेशी प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करने की पूरी क्षमता है। घरेलू पर्यटन की तर्ज पर हम विदेशी पर्यटन में भी शीघ्र देश में पहला स्थान हासिल करेंगे। इसमें आध्यात्मिक सर्किट के साथ-साथ बुद्धिस्ट सर्किट, ईको टूरिज्म सर्किट और बुंदेलखंड सर्किट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने में पर्यटन सेक्टर अधिकतम योगदान दे सके, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को विभिन्न संभावनाओं पर फोकस करना चाहिए। बता दें कि मंत्री वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी को लेकर पर्यटन विभाग की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।

पर्यटन मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहीं ये बातें

बैठक में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, कई राज्य अपने धार्मिक-आध्यात्मिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थलों तथा मेले-महोत्सवों और पर्व-त्योहारों आदि से बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पर्यटन की संभावनाएं अधिक हैं। यहां अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज सहित अन्य पावन स्थल हैं। महाकुंभ, दीपोत्सव, रंगोत्सव, देव दीपावली सहित अनेक पर्व-त्योहार और मेले लगते हैं। इस प्रकार उत्तर प्रदेश विविधताओं से भरा राज्य है। इनके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि गंतव्य स्थलों पर अच्छी कनेक्टिविटी के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि महत्वपूर्ण सभी स्थलों तक रेल मार्ग, हवाई सेवा और सड़क कनेक्टिविटी उपलब्ध हो। इतना ही नहीं, प्राथमिकता के आधार पर वे साइट एमिनिटीज विकसित की जा रही है। क्योंकि, पर्यटक यदि लंबी दूरी तय कर रहा है तो यात्रा के दौरान उसे ऐसे स्थलों की तलाश रहती है जहां अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों। पर्यटन विभाग इस दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

होम स्टे प्रचलन को लोकप्रिय बनाने के दिए निर्देश

जयवीर सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में राज्य में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। इसलिए बड़े पैमाने पर ठहराव स्थलों की मांग बढ़ी है। इसकी पूर्ति के लिए पर्यटन नीति के तहत विशेष छूट देकर होटल, होम स्टे, पेइंग गेस्ट खोले जा रहे हैं, ताकि पर्यटकों को सस्ती, सुरक्षित और अच्छी सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने प्रदेश के सभी प्राधिकरणों से समन्वय करके होटल आदि के मानचित्र स्वीकृत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया। उन्होंने रूरल होम स्टे प्रचलन को लोकप्रिय बनाने के निर्देश दिये, इसके अलावा शादी घर, गेस्ट हाउस में अधिकतम पर्यटकों को सुविधा देने की बात कही। इसके अलावा मेडिकल टूरिज्म, वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्रा और मध्य प्रदेश का पैटर्न अपनाने पर जोर दिया।

हास्पिटेलिटी यूनिट्स की एनओसी प्रक्रिया को सरल बनाने पर दिया जाए जोर

वहीं, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने कहा कि हास्पिटेलिटी यूनिट्स की एनओसी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ध्यान दिया जायेगा। इसके अलावा टूरिस्ट फुल-फाल एण्ड एक्सपेन्डीचर सर्वे कराया जा रहा है, इसमें 09 लाख टूरिस्ट का सैम्पल सर्वे किया जायेगा। यह सर्वे दिसम्बर तक चलेगा, इसमें फूड एण्ड वेवरेज और मेडिकल यूनिट का भी सर्वेक्षण किया जायेगा। पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के विकास के लिए अध्ययन कार्य कराये जायेंगे। इसके अतिरिक्त वे साइड एमिनिटी बढ़ाने के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशन का भी अध्ययन कराया जायेगा। प्रमुख सचिव ने यह भी सुझाव दिये कि प्रदेश में स्थित होटलों की आकुपेंसी बढ़ाने का हरसंभव प्रयास किया जाए।

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