जोधपुर/जैसलमेर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जैसलमेर बस अग्निकांड पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। जिस परिवार में तीन या इससे ज्यादा लोगों की जान गई है, उन्हें कुल 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। एक परिवार से एक या दो मौत होने पर प्रति व्यक्ति 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं, गंभीर घायलों को 2-2 लाख और साधारण रूप से घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।
उधर, पीड़ित परिवार जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में धरने पर बैठ गया है। उचित मुआवजे की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है। दूसरी ओर चित्तौड़गढ़ सदर थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह टीम के साथ RTO पहुंचे। आगे की जांच के लिए DVR जब्त कर ले गए।
मृतकों की संख्या हुई 22
इस अग्निकांड में मृतकों की संख्या 22 हो गई है। 54 साल की भागा बानो की गुरुवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, एक शव की पहचान नहीं हो पाई है। इससे पहले बुधवार सुबह हादसे में झुलसे 10 साल के यूनुस ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। अब तक कुल 22 मौतें हो चुकी हैं। जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अनुसार, 5 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इसके अलावा 8 घायलों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
उधर, डीएनए टेस्ट एवं पोस्टमॉर्टम के बाद शवों को परिवार वालों को सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट AC स्लीपर बस में 14 अक्टूबर की दोपहर 3.30 बजे आग लग गई थी। मौके पर ही 19 लोग जिंदा जल गए थे। एक व्यक्ति ने जैसलमेर से जोधपुर ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया था।
मुआवजा राशि को लेकर असमंजस, पीड़ित परिवार नाराज
पांच अलग-अलग मौत पर 50 लाख, लेकिन एक ही परिवार के यदि 5 सदस्य की मौत है तो उन्हें सिर्फ 25 लाख ही मिलेगा। इसको लेकर पीड़ित परिवार सवाल उठा रहे हैं। इस बात को लेकर मृतक महेंद्र मेघवाल के परिजन स्पष्टीकरण की मांग करते हुए परिवार के हर सदस्य के लिए 10 लाख के हिसाब से 50 लाख की मांग कर रहे हैं।
परिवहन विभाग के दो अधिकारी सस्पेंड
चित्तौड़गढ़ जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) कार्यालय में पंजीकृत थी। बुधवार को बस बॉडी को अप्रूव करने वाले चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को सस्पेंड कर दिया गया है।