लखनऊ: भारत और पाकिस्तान के बीच बनती पूर्ण युद्ध स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मध्य वायु कमान के बख्शी का तालाब (बीकेटी) सहित सात एयरफोर्स स्टेशन हाई अलर्ट पर हैं। यहां लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, ड्रोन स्टैंडबॉय पर हैं। सैनिक भी तैयार हैं। सुरक्षा कारणों से इन एयरबेस की तैयारियों की समीक्षा की गई है। विशेष ध्यान बीकेटी एयरबेस पर दिया गया है। यहां फिलहाल फाइटर स्क्वॉड्रन की तैनाती नहीं है, लेकिन रनवे का अपग्रेडेशन पूरा हो चुका है। एयर शो का आयोजन भी किया जा चुका है।
लखनऊ स्थित बीकेटी एयरबेस को आधुनिक बनाया गया है। नए रडार लगाए गए हैं। रनवे को ग्लोबमास्टर जैसे भारी विमान की लैंडिंग के लिए सक्षम किया गया है। हैंगर भी तैयार किए गए हैं। साल 2016 में शुरू हुए अपग्रेडेशन के बाद यहां एयर शो का आयोजन भी हुआ। उसमें वायुसेना के जांबाजों ने अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया।
हर दिशा से हमले के लिए तैयार हैं एयरबेस
मध्य वायु कमान की ओर से बुधवार को सभी एयरबेस की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें बीकेटी (लखनऊ), सरसावा (सहारनपुर), हिंडन (गाजियाबाद), चकेरी (कानपुर), आगरा, प्रयागराज और गोरखपुर शामिल हैं। इन स्टेशनों से भारतीय वायुसेना पाकिस्तान ही नहीं, चीन तक को जवाब देने में सक्षम है।
मध्य कमान का दायरा और ताकत
मध्य कमान भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमानों में से एक है, जो सात राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में फैली हुई है। इसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित है। यहीं पर आर्मी मेडिकल कोर, डीआरडीओ सेंटर, मध्य यूपी सब एरिया, कमांड अस्पताल और 11 गोरखा रेजिमेंटल सेंटर भी मौजूद हैं।
रक्षा क्षेत्र में लखनऊ है बहुत खास
लखनऊ रक्षा गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। डिफेंस एक्सपो, आर्मी डे, एयर शो, केमिकल बेस्ड वॉर ट्रेनिंग और जॉइंट कमांडर्स मीट जैसे आयोजन यहां सफलतापूर्वक हुए हैं। महिला मिलिट्री पुलिस की भर्ती और ब्रह्मोस के नेवी वर्जन के निर्माण की यूनिट भी यहीं स्थापित की गई है। भविष्य में चाइना फ्रंट के लिए बनने वाली थिएटर कमांड की संभावना भी लखनऊ में जताई जा रही है।