लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ को फिर से मजबूत करने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में बसपा ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के अवसर पर 15 जनवरी को पार्टी ‘मिशन 2027’ की शुरुआत करेगी। यह मिशन 2027 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने की तैयारी के लिए पार्टी की महत्वपूर्ण रणनीति का हिस्सा है।
मिशन 2027 के तहत बसपा पुराने नेताओं की वापसी के लिए मुहिम चलाएगी। इसके अलावा पार्टी ने बामसेफ को दोबारा सक्रिय करने की योजना बनाई है, जिसे पार्टी के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। बामसेफ का पुनर्गठन पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ समाज के निचले वर्गों में पैठ बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा। इस मिशन के तहत बसपा राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को तेज करेगी। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगों से संपर्क साधेंगे और उनकी समस्याओं को सुनकर हल निकालने की कोशिश करेंगे।
नए चेहरों की होगी तलाश
बसपा न केवल अपने पुराने नेताओं को वापस लाने का प्रयास कर रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने वाले नए चेहरों की भी तलाश करेगी। इसके जरिए पार्टी अपने संगठन का विस्तार करेगी और स्थानीय स्तर पर अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास करेगी। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, ‘मिशन 2027’ की शुरुआत मायावती के जन्मदिन से होगी और मार्च तक इस अभियान को तेज किया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनावों में जीत के लिए बीएसपी इस अभियान के माध्यम से अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिश करेगी।
वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यूपी की राजनीति में बसपा के इस कदम से नए समीकरण बन सकते हैं। मायावती के नेतृत्व में पार्टी एक बार फिर दलित और अन्य पिछड़े वर्गों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है।