My Nation Digital Desk: सोना एक बहुमूल्य धातु और निवेश का सुरक्षित साधन है। भारतीय त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ मानते हैं। लोग अपने बच्चों की शादी के लिए पहले से ही सोना खरीदकर घर में रखना शुरू कर देते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि घर में एक सीमा से ज्यादा सोना रखने पर आयकर विभाग को उसका हिसाब देना पड़ता है।
दरअसल, आप घर में जितना चाहें उतना सोना रख सकते हैं। बशर्ते…कर अधिकारियों के पूछने पर आपको यह बताना पड़ेगा कि आपके घर में रखे सोने को खरीदने के लिए आपके पास पैसा कहां से आया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी)के मुताबिक, घोषित आय से की गई सोने की खरीद पर कोई कर नहीं देना पड़ता है।
500 ग्राम तक रखने की छूट
- सीबीडीटी के नियमों के मुताबिक, कर बचत के लिए बिना किसी सबूत के घर में रखे गए सोने और उससे बने आभूषणों की मात्रा की कुछ सीमाएं तय की गई हैं।
- विवाहित महिला घर में बिना किसी सबूत के अधिकतम 500 ग्राम तक सोना रख सकती है।
- अविवाहित महिलाओं के लिए अधिकतम सीमा 250 ग्राम है।
- पुरुष (विवाहित व अविवाहित)100 ग्राम तक सोना रख सकते हैं।
सोना खरीदने से पहले इन नियमों को जान लें
- अगर आप सोना खरीदने के तीन साल के भीतर उसे बेच देते हैं तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स आपकी कुल आय में जुड़ता है और स्लैब के अनुसार कर लगता है।
- अगर सोने की खरीद और बिक्री के बीच का समय तीन साल से अधिक है तो उस पर 20 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्न कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। लागू सरचार्ज के साथ 4 फीसदी सेस भी चुकाना पड़ता है।
- सोना खरीदते समय आपको बहुमूल्य धातु की कीमत(मेकिंग चार्ज को मिलाकर)पर तीन फीसदी की दर से जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है।
- अगर किसी व्यक्ति के घर में रखे सोने की मात्रा सरकार की ओर तय की गई सीमा से कम है तो तलाशी अभियान या छापे के दौरान अधिकारी उस व्यक्ति के घर से सोने के गहने या आभूषण नहीं ले जा सकते हैं।