लखनऊ: राजधानी में नगर निगम के जलकल विभाग ने हर घर सीवर कलेक्शन की जांच संबंधित तैयारियां पूरी कर ली है। 1 नवंबर से जांच का काम शुरू हो जाएगा। जिन घरों के सेप्टिक टैंक का कनेक्शन सीवर लाइन से नहीं हुआ है, उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। इससे पहले लोगों को अपने घरों के सेप्टिक टैंक से सीवर लाइन को कनेक्ट कराना होगा। शहरी क्षेत्र में सीवर से संबंधित काम लोग प्राइवेट वेंडर से भी नहीं करा पाएंगे। इसके लिए जलकल से संपर्क करना होगा।
महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह द्वारा कहा गया कि नगर निगम क्षेत्र का 1/3 हिस्सा सेंट्रलाइज्ड सीवर से अभी तक नहीं जुड़ा है। ऐसे में दावा किया गया है कि शहर में सीवर को मैनुअल स्क्वैजिंग खत्म होगी, लेकिन यह चुनौती पूर्ण बना रहेगा। फीकल स्लज, सेप्टेज एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन विनियम, 2024 के ड्राफ्ट को नगर निगम के सामान्य सदन में मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद से इसके नियम अब शहर में लागू होंगे।
खुले में सीवर का मलबा डाला तो 5 हजार का जुर्माना
सीवर कनेक्शन नहीं कराने पर पहली बार में 200 और दूसरी बार में 500 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। तीसरी बार में प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा। मलबा गंदगी खुले में डालने में 5000 रुपये का जुर्माना। इसके लिए 1 नवंबर से जांच शुरू होगी। शहर के हर घर में या जांच की जाएगी। 1 महीने के अंदर लोगों को सेप्टिक टैंक सीवर से कनेक्ट करना होगा। इसके लिए जलकल विभाग 1 नवंबर से वसूली करेगा।
निजी ऑपरेटर नहीं कर सकेंगे संचालन
जलकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक प्राइवेट ऑपरेटर कहीं से भी सेफ्टी टैंक की सफाई कर गंदगी आसपास खाली जमीन या खेतों में बहा देते थे इस बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता था। इसी को देखते हुए अब इसपर रोक लगाई गई है। निजी ऑपरेटर सिर्फ जलकल विभाग के साथ में जुड़कर ही काम कर सकेंगे।
सीवर मलबे की ढुलाई पर शुल्क
- 10 किमी से कम के लिए- 1200 रुपये
- 10 से 15 किमी के लिए- 1400 रुपये
- 20 से अधिक किमी के लिए- 1600 रुपये
भरवारा एसटीपी के लिए शुल्क
- 2000 लीटर तक- 100 रुपये
- 2000 से 3000 लीटर तक- 150 रुपये
- 3000 से 5000 लीटर तक- 200 रुपये।