उत्तर प्रदेश, राजनीति

सपा सांसद बर्क को हाईकोर्ट से झटका, रद्द नहीं होगी FIR; गिरफ्तारी पर लगी फौरी रोक

सपा सांसद बर्क को हाईकोर्ट से झटका, रद्द नहीं होगा FIR; गिरफ्तारी पर लगी फौरी रोक

संभल: उत्‍तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द नहीं होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संभल हिंसा की जांच जारी रहेगी। जांच में सांसद पुलिस का सहयोग करें। हालांकि, कोर्ट ने सांसद बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। अगले दिन पुलिस ने बर्क पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की थी। बर्क के साथ ही स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे को भी आरोपी बनाया था। एफआईआर के बाद बर्क ने 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें एफआईआर रद्द करने के साथ ही गिरफ्तारी पर रोक की मांग की। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सात साल से कम की सजा वाली धाराएं होने के चलते गिरफ्तारी पर फौरी रोक लगा दी।

FIR में लिखी ये बात

19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर गठित की गई टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू हुआ। इसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सर्वे को रोकने के लिए भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया। सियासी लाभ लेने के लिए उन्होंने भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाए, जिससे भीड़ सर्वे के खिलाफ भड़कने लगी।

रविवार को सर्वे टीम कड़ी सुरक्षा में सर्वे करने पहुंची थी। मैं वहां सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में तैनात था। सुबह करीब 9 बजे अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ सर्वे रुकवाने की नीयत से आ गई। इस भीड़ में सुहैल इकबाल पुत्र इकबाल महमूद भी शामिल थे। सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी हमारे साथ हैं। हम भी आपके साथ हैं। अपने मंसूबों को पूरा कर लो। सुहैल के इतना कहते ही भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और गोली चलाना शुरू कर दीं। इसी बीच एक उपद्रवी ने सीओ संभल को गोली मार दी, जो उनके पैर में लगी…।

इन धाराओं में हुई FIR

सब इंस्पेक्टर दीपक राठी की ओर से संभल कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआ में जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात भीड़ को शामिल किया गया है। ये FIR BNS की धारा 191(2), 191(3), 190. 221,132,125,324(5),196,323(b) और सार्वजनिक संपत्ति को छति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है। और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है।

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