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Health Alert: इस एक गड़बड़ आदत के कारण आप खो सकते हैं सोचने-समझने की ताकत

Health Alert: इस एक गड़बड़ आदत के कारण आप खो सकते हैं सोचने-समझने की ताकत

माई नेशन, हेल्‍थ डेस्‍क: हमारे पूरे शरीर का नियंत्रण मस्तिष्क करता है। खाने-पीने की इच्छा से लेकर, चलने-उठने और सोने-जागने सहित सभी कामों के लिए मस्तिष्क का स्वस्थ रहना और अच्‍छे तरीके से काम करते रहना जरूरी है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हमारी कुछ गड़बड़ आदतों के कारण मस्तिष्क को गंभीर रूप से क्षति पहुंच रही है? कुछ लोगों में तो मस्तिष्क का आकार भी छोटा होता जा रहा है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि वैसे तो आहार और जीवनशैली की कई आदतों का मस्तिष्क की सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है, लेकिन जिस एक आदत के कारण सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं वो है- शराब का सेवन। अगर आप लंबे समय तक शराब पीते हैं तो इसके कारण मस्तिष्क के आकार और कार्यक्षमता पर असर होने लगता है। समय के साथ इसकी कोशिकाओं में बदलाव होने लगती है और ये छोटी भी हो जाती हैं। बहुत ज्यादा शराब पीने से आपका मस्तिष्क सिकुड़ सकता है, जिस कारण कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

शराब के कारण होने वाली समस्‍याएं

वेबएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब आपके शरीर को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकती है। डब्ल्यूएचओ कहता है कि किसी भी मात्रा में शराब के सेवन को उचित नहीं माना जा सकता है, क्योंकि सभी के शरीर पर इसका अलग-अलग तरीके से असर होता है। लंबे समय तक शराब पीने से आपको हृदय रोग या लिवर की क्षति जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा आपके मस्तिष्क के लिए भी शराब बहुत हानिकारक है। शराब के कारण मस्तिष्क के आकार में होने वाले बदलाव के चलते आपके सोचने-समझने और कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

अगर आप लंबे समय तक अधिक मात्रा में शराब पीते हैं तो इस कारण धीरे-धीरे मस्तिष्क की कोशिकाओं में बदलाव आने लगता है। मस्तिष्क के आकार में परिवर्तन या इसके सिकुड़ने के कारण आपकी सोचने, सीखने और चीजों को याद रखने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे शरीर का तापमान स्थिर रखना और अपनी शारीरिक इच्छाओं पर नियंत्रण रखना भी मुश्किल हो सकता है।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

पेन मेडिसिन में प्रोफेसर डॉ. डैनियल एटकिन्सन कहते हैं कि मध्यम मात्रा में भी शराब का सेवन हिप्पोकैम्पस के आकार को छोटा कर सकता है। मस्तिष्क का ये हिस्सा चीजों को सीखने और याददाश्त को ठीक बनाए रखने के लिए जरूरी माना जाता है। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें एक अनूठी और नाजुक संरचना होती है। यहां न्यूरोजेनेसिस के माध्यम से लगातार नए न्यूरॉन्स बनते रहते हैं। यही कारण है कि शराब पीने के बाद आपमें कुछ याद रखने, सोचने-निर्णय लेने की क्षमता काफी कम हो जाती है।

बाधित हो सकती नींद

शराब का एक दुष्प्रभाव ये भी है कि इसके कारण आपकी नींद भी बाधित हो जाती है। रात में अच्छी नींद न ले पाने के कारण भी मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन होने का खतरा हो सकता है। वहीं अगर आप अक्सर ही अपनी नींद नहीं पूरी कर पाते हैं तो इसका दीर्घकालिक रूप से भी से सेहत पर असर हो सकता है। डॉ. डैनियल कहते हैं कि शराब के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को सिर्फ लिवर और पाचन तक ही सीमित करके न देखें। ये पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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