बरेली: कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे पहले इस्लाम आया है। पूरी दुनिया में जितने भी मजहब के लोग हैं, वे सभी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं।
मौलाना रजवी ने कहा कि कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री अपने प्रवचनों और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। धीरेंद्र शास्त्री आरएसएस के विचारों से हटकर हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। जबकि आरएसएस का कहना है कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, लेकिन शास्त्री इसे अलग लहजे में कहते हैं। उनका यह भी कहना है कि भारत में नकली मुसलमान हैं और विदेशों में असली मुसलमान। मगर असली और नकली की पहचान उन्होंने कैसे की, यह बताना चाहिए।
हजरत-ए-आदम मुसलमान थे
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हकीकत यह है कि दुनिया में सबसे पहले इंसान हजरत-ए-आदम आए। दुनिया में चाहे किसी भी मजहब के मानने वाले लोग हों, वे हजरत-ए-आदम की औलाद हैं। धीरेंद्र शास्त्री भी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं। हजरत-ए-आदम मुसलमान थे। अब उनकी औलादों को क्या कहेंगे? धीरेंद्र शास्त्री को क्या कहा जाएगा? असली और नकली का फर्क वही लोग करते हैं जो खुद नकली होते हैं। वही ढोल बजाकर और शोर मचाकर इस तरह की बातें करते हैं। जो असली होते हैं, वे खामोश रहते हैं और अपनी जुबान से कुछ नहीं कहते। धीरेंद्र शास्त्री कैसे तय कर सकते हैं कि असली कौन है और नकली कौन है?
उन्होंने आगे कहा कि भारत के मुसलमान शरीयत और इस्लाम के उसूलों पर सख्ती से अमल करने वाले हैं। विदेशों के मुसलमान उतनी पाबंदी नहीं करते, जितनी भारत के मुसलमान करते हैं। यहां का हर बच्चा, बूढ़ा, जवान, मर्द और औरत इस्लाम के उसूलों पर अमल करता है। यही पाबंदी धीरेंद्र शास्त्री को चुभती है और उनके दिलो-दिमाग को खटकती है।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान सोशल मीडिया पर वायरल
दरअसल, कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगरा में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत के मुसलमान कन्वर्टेड हैं। असली मुसलमान तो विदेशों में हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।