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डीडीयू और आईआईटी मद्रास के बीच होगा एमओयू, छात्रों को मिलेगा ‘स्वयं–एनपीटीईएल’ का लाभ
गोरखपुर: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय शीघ्र ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के कोड चैप्टर (सेंटर फॉर आउटरीच एंड डिजिटल एजुकेशन) कार्यक्रम के अंतर्गत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने जा रहा है। यह पहल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण तथा कौशल-आधारित शिक्षा के नये अवसर प्रदान करेगी। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को ‘स्वयं–एनपीटीईएल’ के माध्यम से उच्च स्तरीय, विविध विषयों के ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना, कौशल विकास को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाना है।
ये होंगे मुख्य लाभ
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-स्वयं–एनपीटीईएल के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के उच्च गुणवत्ता वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तक निःशुल्क अथवा रियायती शुल्क पर पहुँच।
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-तकनीकी, प्रबंधन, विज्ञान और मानविकी विषयों में उन्नत एवं रोजगारोन्मुखी अध्ययन।
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-विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास और प्रमाणन के अवसर।
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-शिक्षकों के लिए आधुनिक शिक्षण सामग्री और प्रशिक्षण की सुविधा।
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-विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण और नेटवर्क का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार।
आधुनिक कौशल से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम: कुलपति
कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि आईआईटी मद्रास के साथ होने वाला यह समझौता हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा और आधुनिक कौशल से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। ‘स्वयं–एनपीटीईएल’ के माध्यम से वे विषयगत गहराई के साथ-साथ रोजगार बाजार की मांग के अनुसार नये कौशल भी अर्जित कर सकेंगे। यह पहल उन्हें न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करेगी, बल्कि आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सशक्त नागरिक बनने में भी सहायता करेगी। इससे हमारे विद्यार्थियों का दृष्टिकोण व्यापक होगा और वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सफल होने के लिए तैयार होंगे।
स्वयं के समन्वयक एवं अंग्रेज़ी विभाग के आचार्य प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ल ने कहा कि यह समझौता विश्वविद्यालय के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। इससे न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों को भी अत्याधुनिक शैक्षणिक संसाधनों और प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों की पूर्ति में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा।