लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आने वाले सालों में रेल नक्शा पूरी तरह बदलने वाला है। एक ओर जहां 67 बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। वहीं, हाई-स्पीड कॉरिडोर से लेकर तीसरी लाइन तक के निर्माण कार्यों की रफ्तार भी तेज हो चुकी है।
देश का सबसे बड़ा 16,986 किमी का रेलवे नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है। साल 2029 तक 4,876 किमी की नई रेल परियोजनाएं भी तैयार होकर इस नेटवर्क में जुड़ जाएंगी। इसमें से कई परियोजनाएं दूसरी और तीसरी लाइन वाली हैं। 12 अप्रैल से गोरखपुर-डोमिनगढ़ के बीच तीसरी लाइन बिछाए जाने के चलते वंदे भारत सहित 50 से अधिक ट्रेनें निरस्त कर कर दी गईं हैं। 3 मई को क्लीयरेंस मिलने के बाद ही ट्रैक पर ट्रेन चलेंगी। इसी तरह के काम प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी चल रहा है।
यूपी में बिछाई जा रही 15 नई लाइनें
प्रदेश में रेलवे 15 नई लाइनें, तीन गेज परिवर्तन और 49 दूसरी-तीसरी लाइनें बिछा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया था कि इन परियोजनाओं से 5,874 किमी ट्रैक को कवर किया जाएगा। करीब 92 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं पर 2023 से काम चल रहा है, जो 2029 तक पूरा होगी।
ट्रैफिक बढ़ाने और कनेक्टिविटी सुधारने पर काम
प्रदेश में 15 नई लाइनों की कुल लंबाई 1,740 किमी है और इसकी लागत 29,156 करोड़ रुपए है। पूर्वोत्तर रेलवे के इस खंड में तीसरी लाइन का निर्माण 12 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसके चलते वंदे भारत सहित 50 से अधिक ट्रेनें प्रभावित होंगी। यह कार्य ट्रैफिक बढ़ाने और कनेक्टिविटी सुधारने के लिए है। यह परियोजना डोमिनगढ़, गोरखपुर जंक्शन, गोरखपुर कैंट और कुसम्ही स्टेशनों को जोड़ते हुए लगभग 21.15 किमी लंबी है। इसकी अनुमानित लागत 186.85 करोड़ रुपये है।