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यह संग्रहालय यूपी की सांस्कृति विरासत को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा: जयवीर सिंह
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थापित किए जा रहे देश के पहले ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। इस चरण के कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने 5 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह संग्रहालय भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने वाला देश का पहला स्थायी संग्रहालय होगा, जिसे उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना के संयुक्त प्रयास से विकसित किया जा रहा है।
नौसेना के शौर्य को सम्मान देने का ऐतिहासिक प्रयास
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस निमार्णाधीन संग्रहालय स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और संग्रहालय की भावी उपयोगिता के बारे में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जयवीर सिंह ने संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता पर संग्रहालय का कार्य पूर्ण किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि, यह संग्रहालय भारत की नौसेना के शौर्य को सम्मान देने का एक ऐतिहासिक प्रयास है। यह लखनऊ को राष्ट्रीय विरासत मानचित्र पर स्थापित करेगा, राज्य में पर्यटन को नया विस्तार देगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि यह संग्रहालय न केवल इतिहास प्रेमियों और छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद केंद्र होगा, बल्कि इसे देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। पर्यटन विभाग ने स्पष्ट किया है कि दूसरे चरण के तहत निर्माण व क्यूरेशन से जुड़ा कार्य अब तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा और समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा। इसके पूर्ण होने पर बाद यह संग्रहालय उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा।