- -कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ 2 एमओयू पर हस्ताक्षर, डिजिटल एग्रीकल्चर के विकास के साथ ही नेचुरल फार्मिंग को बढ़ाने पर जोर
लखनऊ। किसानों को सूदखोरी के चंगुल से मुक्त करके स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर सकें, इस दिशा में ढेर सारे प्रयास देश में 10 वर्षों के अंदर हुए। अभी भी बेहतरी की गुंजाइश है। बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए हम कैसे कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ा सकते हैं इस पर फोकस करना होगा। देश के अंदर अलग-अलग राज्यों के अपने अनुभव होंगे, अलग अलग एग्रीकल्चरल क्लाइमेटिक जोन के अनुसार देश के विभिन्न क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की, विश्व में भी विषम परिस्थितियों के बीच ऐसा हुआ है। ऐसे में, अगर बेस्ट प्रैक्टिसेस को शेयर करते हैं तो बहुत कुछ हम लोग एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कृषि भारत 2024 कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कही। कृषि व प्रौद्योगिकी के इस 4 दिनी महाकुंभ का आयोजन वृंदावन योजना मैदान में किया जा रहा है। उन्होंने कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया। कार्यक्रम से पूर्व सीएम योगी ने कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया जिसमें नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स की उपस्थिति में प्रतिनिधि मंडल संग बैठक की। उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड्स के बीच 2 एमओयू भी साइन किए गए हैं और प्रदर्शनी के विभिन्न स्टॉल्स का सीएम योगी ने आवलोकन भी किया।
कृषि भारत प्रदर्शनी का आयोजन
20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में कृषि भारत प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है जहां कृषि के सतत विकास व नवाचार को किया शोकेस किया जा रहा है। कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उपकरण व कृषि सेवाओं और प्रौद्योगिकी से जुड़ी अन्य सेवाओं इस प्रदर्शनी में 250 से ज्यादा प्रदर्शक व 1 लाख से अधिक कृषक और आगंतुक कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। कृषि भारत का आयोजन सीआईआई द्वारा किया जा रहा है जो विश्व स्तरीय कृषि प्रौद्योगिकी प्रगति के प्रदर्शन के लिए राज्य तथा राष्ट्रीय पवेलियन के तौर पर कार्य करेगा
पहली बार यूपी में हो रहा आयोजन
4 दिनी कृषि भारत कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सीएम योगी ने प्रदेश वासियों को श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व, कार्तिक पूर्णिमा और धरती आबा और जनजातीय गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दीं। सीएम योगी ने सीआईआई का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्ष 2000 से सीआईआई एग्रोटेक का भारत में आयोजन कर रहा है। पहली बार यह आयोजन चंडीगढ़ से हटकर उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहा है जो कि काफी मायने रखता है। उत्तर प्रदेश में सीआईआई के साथ मिलकर नीदरलैंड्स पार्टनर कंट्री के रूप में और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूगांडा, स्पेन, यूके जैसे देशों की सहभागिता के साथ ही कृषि से जुड़े हुए एक्सपर्ट्स व स्टेकहोल्डर्स भी इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं।
कृषि प्रोडक्शन बढ़ाने का है यूपी में पोटेंशियलः सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत की सबसे बड़ी आबादी भारत में निवास करती है। यह 17 प्रतिशत यानी 25 करोड़ है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत है, मगर हमारा कृषि उत्पादन देश के कुल एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन का 20 प्रतिशत है, जो कि हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है। इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं। वर्तमान में हमें डिजिटल एग्रीकल्चर व टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है उसे हम तीन से चार गुना बढ़ा सकते हैं।
नेचुरल फार्मिंग को मिले प्रश्रय
कृषि की लागत को कम करना और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्धरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने पर सीएम योगी ने फोकस किया। उन्होंने कहा कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, किसान को उपलब्ध कराने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए एक व्यापक बदलाव की गुंजाइश है। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने किसानों के हित के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मृदा परीक्षण, कृषि बीमा, कृषि सिंचाई के साथ ही देश के अंदर 12 करोड़ अन्नदाता किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि नीदरलैंड्स की राजदूत ने यूपी के अपने पिछले दौरे पर इन मुद्दों पर चर्चा की थी। यूपी और नीदरलैंड्स के बीच इसी से संबंधित दो महत्वपूर्ण एमओयू हुए हैं। गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट के अलावा बी2बी एमओयू भी हुए हैं।
पहली बार एग्रोटेक का आयोजन लखनऊ में हो रहा है। यूपी एग्रीकल्चर का नया पावरहाउस है। सीएम योगी ने एग्रीकल्चर को एक नई दिशा दिखाई है। भारत के कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी पर फोकस इस दिशा में सहायक सिद्ध हो रहा है। सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी उत्तम प्रयास किया गया है। 250 मिलियन टन से बढ़कर भारत आज 330 मिलियन टन उपज कर रहा है, मगर इसमें वृद्धि का अभी और पोटेंशियल है।
–संजीव पुरी
सीआईआई के अध्यक्ष व आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक
सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए कृषि भारत 2024 के रूप में एक शानदार प्रयास किया गया है। महाकुंभ 2025 के पहले आज सीएम योगी के मार्गदर्शन में कृषि और प्रौद्योगिकी के महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जो प्रदेश व देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने व प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।
–सूर्य प्रताप शाही
कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश
नीदरलैंड्स को अपनी एग्रीकल्चरल एबिलिटी और कृषि क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। भारत-नीदरलैंड्स में पार्टनरशिप व समन्वय के जरिए सभी चुनौतियों से निपटा जा सकता है। भारत का कृषि क्षेत्र उपलब्धियों और असीम संभावनाओं से भरा हुआ है जिसमें सहभाग करना हमारे लिए गर्व का विषय है। पूरी दुनिया में क्लाइमेटिक चेंज समेत कई चुनौतियां हैं जिनके समाधान की जरूरत है। हम अपनी एक्सपर्टीज शेयर करने के साथ ही भारत के अनुभव से काफी कुछ सीख रहे हैं।
–जैन कीस गोएट
नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री