लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार को पुलिस ने एक फर्जी आईएएस (IAS) को गिरफ्तार किया है। वह प्रदेश सरकार के कई कार्यक्रमों में बतौर विशेष सचिव शामिल हो चुका है। इसके अलावा दूसरे राज्यों के सरकारी कार्यक्रमों में केंद्र सरकार का सचिव बनकर शामिल होता था। उसने यह बात पुलिस के सामने कबूल की है। फर्जी IAS की पहचान सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई, जो खुद को अफसर बताकर पहले लोगों को रौब में लेता था, फिर उनको ठगता था।
वजीरगंज थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस टीम कारगिल शहीद पार्क के पास वाहनों की नियमित जांच कर रही थी। इसी दौरान एक गाड़ी (UP 16 DP 2828) को रोका गया। कार की पिछली सीट पर बैठे सौरभ त्रिपाठी ने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की और फर्जी आईएएस परिचय पत्र व विजिटिंग कार्ड दिखाए। पुलिस ने संदेह के आधार पर गहन जांच की तो दस्तावेज नकली पाए गए। गाड़ी की तलाशी में लाल-नीली बत्ती भी मिली, जो अवैध रूप से इस्तेमाल की जा रही थी।
सोशल मीडिया पर बनाईं कई फर्जी प्रोफाइल
सौरभ त्रिपाठी सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग नाम से एक्टिव था। किसी पोस्ट पर वह खुद को कैबिनेट स्पेशल सेक्रेटरी, भारत सरकार, तो किसी प्रोफाइल पर सेक्रेटरी अर्बन-रूरल डेवलपमेंट यूपी लिखकर वह लोगों को भ्रमित करता था।

जांच में पता चला है कि सौरभ कई सरकारी कार्यक्रमों में भी जा चुका है। वहां बड़े अधिकारियों के बीच फोटो खिंचवाकर उसने अपना रौब जमाया। अपनी कई पोस्ट में उसने खुद को आईएएस ही बताया। सौरभ न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों में भी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर फर्जी दौरे कर चुका है।
लग्जरी गाड़ियों से चलता था, फर्जी पास भी मिला
पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी के पास से डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी कुल छह लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। इसके अलावा लैपटॉप, मोबाइल फोन, नकदी, बैंक कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी विजिटिंग कार्ड, लाल-नीली बत्ती, डायरी, पेन ड्राइव और अन्य फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए गए। जांच में इन गाड़ियों पर लगे सरकारी पास भी फर्जी पाए गए हैं। आरोपी इन गाड़ियों और पदवी का इस्तेमाल कर सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को धोखे में रखता था।

कई राज्यों में कर चुका है ठगी
शुरुआती जांच में सामने आया कि सौरभ त्रिपाठी फर्जी सचिवालय पास, नकली आईएएस पहचान पत्र और एनआईसी की फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर कई राज्यों में ठगी कर चुका है। उसने इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ उठाया और कई लोगों को ठगा। पुलिस का मानना है कि सौरभ का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हो सकता है। पुलिस अब उसके नेटवर्क और फर्जी दस्तावेजों की गहनता से जांच कर रही है।

फर्जी आईएएस के कुल 3 पते
सौरभ त्रिपाठी मूलरूप से मऊ जिले का रहने वाला है। उसके घर का पता नियर फातिमा अस्पताल, इमलिया मऊ, बीटीसी स्कूल के सामने थाना सराय लखन्सी है। सौरभ का दूसरा पता, ए-101-गरिमा विहार सेक्टर-35 नोएडा, थाना सेक्टर-24 है। तीसरा पता लखनऊ का है। यहां वह गोमतीनगर विस्तार के शालीमार वनवर्ड में ब्रिगेडियर कोट-1 में रहता है।