गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में यूपी एसटीएफ ने फर्जी दूतावास का खुलासा किया है। टीम ने मंगलवार को छापा मारकर हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया, जिसके पास से VIP नंबर वाली चार लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई हैं। साथ ही अलग-अलग देशों और कंपनियों की 34 मोहरें भी मिली हैं। इसके अलावा विदेश मंत्रालय की मोहर लगे नकली पेपर्स और 44.70 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए।
एसटीएफ एसएसपी सुशील घुले ने बताया कि हर्षवर्धन केबी 35 कविनगर में किराए का मकान लेकर अवैध रूप से ‘वेस्ट आर्कटिक दूतावास’ चला रहा था। वह खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पुलावाविया, लोडोनिया देशों का कॉन्सुल एंबेसडर बताता है। हालांकि, इन नामों का कोई देश, दुनिया में नहीं है। हर्षवर्धन डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियों से चलता था। लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई अन्य बड़े लोगों के साथ अपनी मॉर्फ की हुई फोटो का इस्तेमाल करता था।
दलाली और हवाला रैकेट चलाने का था काम
एसएसपी ने बताया कि उसका मुख्य काम कंपनियों और प्राइवेट व्यक्तियों को बाहर के देशों में काम दिलाने के नाम पर दलाली करना और शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाना था। हर्षवर्धन के पास से दो फर्जी प्रेस कार्ड, दो फर्जी पैन कार्ड, माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, कई देशों की विदेशी मुद्रा, विभिन्न कंपनियों के दस्तावेज और 18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट भी बरामद की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी से पहले यूपी STF ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विदेश मंत्रालय को फर्जी दूतावास संचालित होने की सूचना भेजी थी। मंत्रालयों से जांच के बाद STF ने कार्रवाई की। कविनगर शहर का पॉश इलाका है, जहां पुलिस कमिश्नर, डीएम समेत कई अफसरों के ऑफिस भी हैं। फर्जी दूतावास के बाहर अनूप सिंह नाम के व्यक्ति की नेम प्लेट लगी है। इस मकान से करीब 100 मीटर दूर दूसरा मकान है, जहां आरोपी हर्षवर्धन का आना-जाना था। बताया जा रहा है कि यह मकान हर्षवर्धन के पिता एचडी जैन का है।
2011 में भी हुई थी गिरफ्तारी
एसएसपी सुशील घुले ने कहा कि यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। आरोपी को 2011 में भी एक बार गिरफ्तार किया गया था। उस समय उसके पास से एक सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था और कविनगर थाने में उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। उसके पास से चार गाड़ियां बरामद हुई थीं, जिन पर डिप्लोमैटिक नंबर वाली नंबर प्लेट लगी थीं। इस अवैध कृत्य को अंजाम देने और इतने सारे फर्जी दस्तावेज रखने और बनाने के लिए उसके खिलाफ गाजियाबाद में मामला दर्ज किया गया है और गाजियाबाद पुलिस द्वारा उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी के पास से ये हुआ बरामद
- डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी चार गाड़ियां
- माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
- विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें
- कूटरचित दो पैनकार्ड
- विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मुहरें
- फर्जी प्रेस कार्ड
- करीब 44.7 लाख रुपये कैश
- कई देशों की विदेशी मुद्रा
- 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट।
क्या होता है दूतावास का काम?
दूतावास (Embassy) एक ऑफिस होता है, जिसे एक देश, दूसरे देश में अपने राजनीतिक और राजनयिक कामों के लिए बनाता है। इस ऑफिस में उस देश का राजदूत और उसका स्टाफ काम करते हैं। यह दूसरे देश की सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
- राजनयिक संबंध- दूतावास दोनों देशों के बीच राजनयिक आदान-प्रदान और बातचीत के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- वाणिज्य दूतावास सेवाएं- दूतावास अपने देश के नागरिकों को पासपोर्ट, वीजा, कानूनी सहायता और आपातकालीन सहायता जैसी कांसुलर सेवाएं प्रदान करता है।
- राजनीतिक और आर्थिक हित- दूतावास मेजबान देश से राजनीतिक और आर्थिक जानकारी एकत्र करते हैं और उनका विश्लेषण करते हैं।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान- दूतावास दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।