अकलेरा (झालावाड़): राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से हुए हादसे में अबतक आठ बच्चों की मौत हो गई है। जबकि, 27 घायलों में से आठ की हालत गंभीर हैं। मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की क्लास में शुक्रवार सुबह बच्चे बैठे थे, तभी कमरे की छत ढह गई और 35 बच्चे दब गए थे। ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मलबा हटाकर बच्चों को निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया।
मनोहरथाना हॉस्पिटल के मुताबिक, पांच बच्चों की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि तीन ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने दु:ख जताया है।
राजस्थान के झालावाड़ में एक विद्यालय की छत गिरने से कई विद्यार्थियों की मृत्यु और घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर शोक संतप्त परिवारजनों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मैं इस दुर्घटना में घायल हुए विद्यार्थियों के शीघ्र स्वस्थ होने की…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2025
The mishap at a school in Jhalawar, Rajasthan, is tragic and deeply saddening. My thoughts are with the affected students and their families in this difficult hour. Praying for the speedy recovery of the injured. Authorities are providing all possible assistance to those…
— PMO India (@PMOIndia) July 25, 2025
झालावाड़ के पीपलोदी में विद्यालय की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
घायल बच्चों के समुचित उपचार सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
ईश्वर दिवंगत दिव्य आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों…
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) July 25, 2025
झालावाड़ के मनोहरथाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से कई बच्चों एवं शिक्षकों के हताहत होने की सूचना मिल रही है। मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 25, 2025
प्रार्थना के लिए सभी बच्चों को किया था इकट्ठा
ग्रामीणों ने बताया कि वहां सुबह से बारिश हो रही थी। प्रार्थना का समय हुआ तो सभी क्लास के बच्चों को स्कूल के ग्राउंड में इकट्ठा करने की बजाय कमरे में बैठा दिया, जिससे वे भीगे नहीं। इसके कुछ देर बाद छत गिर गई और 35 बच्चे दब गए। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में कुल सात क्लास रूम हैं। हादसे के दौरान स्कूल के क्लास रूम में 71 बच्चे थे। स्कूल में दो टीचर भी मौजूद थे, लेकिन छत गिरने के वक्त बिल्डिंग से बाहर थे, वे सुरक्षित हैं।
तीन बड़ी लापरवाहियां आईं सामने
- बच्चों ने कहा- कंकड़ गिर रहे हैं, टीचर्स ने ध्यान नहीं दिया- स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची वर्षा राज क्रांति ने बताया कि छत गिरने से पहले कंकड़ गिर रहे थे, बच्चों ने बाहर खड़े टीचर्स को इसकी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया और थोड़ी देर बाद ही छत गिर गई।
- तीन दिन पहले 10 दिन की छुट्टी कैंसिल कर दी गई- स्कूल के कुक व हेल्पर श्रीलाल भील ने बताया कि करीब तीन दिन पहले स्कूल की 10 दिन के लिए छुट्टी करने की बात सामने आई थी, लेकिन एक दिन की छुट्टी के बाद स्कूल फिर खोल दिया गया।
- जर्जर भवन की सूची में नहीं स्कूल का नाम– कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ के मुताबिक, स्कूल शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जो भी जर्जर भवन हो वहां स्कूलों की छुट्टी कर दी जाए, लेकिन खुद कलेक्टर कह रहे हैं कि न तो यह स्कूल जर्जर भवन की सूची में था और न ही यहां बच्चों की छुट्टी की गई।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किए
स्कूल की छत गिरने से आठ बच्चों की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है। आयोग ने इस घटना पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक, झालावाड़ के कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मानवाधिकार आयोग ने सात दिन में एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने झालावाड़ कलेक्टर को निर्देश जारी कर तत्काल पीड़ितों की सहायता करने और परिजनों को मुआवजा देने को कहा है।
शिक्षा विभाग ने पांच शिक्षकों को किया निलंबित
मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूल की हेड मास्टर मीना गर्ग के साथ टीचर जावेद अहमद, रामविलास लववंशी, कन्हैयालाल सुमन और बद्रीलाल लोधा को निलंबित किया है।
हनुमान बेनीवाल बोले- अफसरों और नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें
झालावाड़ में हादसे के बाद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में कहा कि सभी अफसरों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाया जाए, जिससे स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
हादसे की जांच कराई जाएगी- शिक्षा मंत्री
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे के लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। सभी का सरकारी खर्चे पर इलाज कराया जाएगा। सभी सीनियर अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है।
जिला कलेक्टर बोले- हमसे ज्यादा जानकारी आपके पास
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि- हादसे के बारे में मेरे से ज्यादा जानकारी आपके पास है। जो भी बच्चे दबे हुए थे उन सभी को निकाल लिया गया है। कुछ अस्पताल में हैं या उन्हें घर पहुंचा दिया है। इस तरीके के हादसे को रोकने के लिए हम दृढ़ संकल्प हैं। भविष्य में कोई हादसा नहीं हो हम कोशिश करेंगे।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग को हमारे निर्देश थे, कोई भी ऐसा स्कूल हो, जहां पर इस तरीके के हादसे होने की संभावना है। उन स्कूलों में छुट्टी कर दें और जो जर्जर भवन थे। जितनी भी हमारे पास सूचना थी इस स्कूल का नाम नहीं था। अब इसकी जांच कराएंगे कि हादसे के क्या कारण हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।