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प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करेगा Dudhwa Mahotsav 2025: जयवीर सिंह

प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करेगा Dudhwa Mahotsav 2025: जयवीर सिंह
  • प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में मिलेगी नई पहचान

Dudhwa Mahotsav 2025: उत्तर प्रदेश सरकार पहली बार राज्य वन क्षेत्र में दुधवा महोत्सव-2025 का आयोजन करने जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से यह महोत्सव आगामी नवंबर माह में लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में होगा। यह महोत्सव अपने आप में अनोखा होगा, जिसमें आवासीय, सांस्कृतिक और वन्यजीव आधारित गतिविधियां शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस आयोजन में देश-विदेश से पर्यटकों के शामिल होने की संभावना है, जिससे प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया, तीन दिवसीय दुधवा महोत्सव में पर्यटक न सिर्फ वन क्षेत्र की खूबसूरती के साथ प्रकृति का आनंद उठा सकेंगे, बल्कि थारू जनजाति की अनोखी संस्कृति, खानपान, हस्तशिल्प और जीवनशैली को भी करीब से देख-समझ पाएंगे। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना, प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और स्थानीय संस्कृति का उत्सव मनाना है।

ईकोटूरिज्म, नेचर एंड कल्चर सेलिब्रेशन पर आधारित है दुधवा महोत्सव-2025

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा दुधवा महोत्सव-2025 की थीम ईको-टूरिज्म, नेचर एंड कल्चर सेलिब्रेशन होगी। उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड महोत्सव से संबंधित कार्ययोजना पर विस्तार से काम कर रहा है। उन्होंने बताया, यह महोत्सव राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता को दुनिया के सामने लाने का जरिया बनेगा। दुधवा महोत्सव एक ऐसा मंच होगा, जो प्रकृति प्रेमियों, परिवारों, कलाकारों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों को समग्र अनुभव प्रदान करेगा। वन्यजीव सफारी, गाइडेड टूर और जैव विविधता का अनुभव दुधवा महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा।

निदेशक यूपी टूरिज्म (इको) प्रखर मिश्रा ने कहा, दुधवा महोत्सव प्रदेश के वन्यजीव और समृद्ध जैव विविधता को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का महत्वपूर्ण अवसर है। महोत्सव के माध्यम से आगंतुकों को दुधवा की प्राकृतिक धरोहर, जनजातीय संस्कृति और ग्रामीण जीवनशैली से परिचित कराया जाएगा। साथ ही, इको-फ्रेंडली कैम्पिंग, जंगल सफारी, लोक कला प्रस्तुतियां आदि का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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