उत्तर प्रदेश

गांधी जयंती पर नाटक ‘हमारे बापू’ की प्रभावशाली प्रस्तुति

गांधी जयंती पर नाटक 'हमारे बापू' की प्रभावशाली प्रस्तुति

बरेली: महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में रविवार (5 अक्टूबर) को गगनिक सांस्कृतिक समिति शाहजहांपुर ने भावपूर्ण नाटक ‘हमारे बापू’ का मंचन किया। राजेश कुमार लिखित और कप्तान सिंह ‘कर्णधार’ निर्देशित देश के विभाजन और दंगों की विभीषिका पर आधारित यह नाटक गांधीजी की विचारधारा ‘नफरत का अंत केवल प्रेम और अहिंसा से हो सकता है’ को सशक्त रूप से सामने लाता है। नाटक के मुख्य पात्र गांधीजी के अनुयायी पंडित तारकेश्वर पांडे हैं, जो दंगों में अपना इकलौता पुत्र खो देते हैं। शोकाकुल अवस्था में वे गांधी जी के पास पहुंचते हैं, जो उस समय दंगों के खिलाफ अनशन पर बैठे हैं।

गांधीजी उन्हें समझाते हैं कि प्रतिशोध का मार्ग छोड़कर यदि वे सचमुच शांति चाहते हैं, तो एक मुस्लिम अनाथ बालक को गोद लेकर उसका पालन-पोषण उसी धर्म-रीति से करें। तारकेश्वर इस संदेश को आत्मसात कर छोटे आफताब को गोद ले लेते हैं। वर्षों बाद जब बड़ा होकर आफताब भटककर आतंकवाद की ओर जाता है, तब अंततः वह पिता की सीख को याद करता है और लौटकर क्षमा मांगता है। परंतु कट्टरपंथियों की गोली से अपने बेटे को बचाने के लिए तारकेश्वर प्राण न्यौछावर कर देते हैं। उनके अंतिम शब्द गूंजते हैं ‘नफरत की जड़ को केवल प्रेम ही काट सकता है’। …यही गांधी का सत्य है। यही इंसानियत है। भावनाओं और करुणा से भरे इस नाटक ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। अंतिम दृश्य में पूरे सभागार में सन्नाटा छा गया और गांधीजी की विचारधारा की गूंज देर तक बनी रही। नाटक में गांधी की भूमिका संजीव राठौड ने निभाई।

गांधी जयंती पर नाटक 'हमारे बापू' की प्रभावशाली प्रस्तुति

इनकी रही मौजूदगी

नाटक के निर्देशक कप्तान सिंह ‘कर्णधार’ ने स्वयं तारकेश्वर की भूमिका निभाई। मो. फाजिल खान (आफताब), अनुराग शर्मा (आचार्य), सुलोचना कार्की (सुमित्रा), धृतिका (बाल आफताब), अभ्युदय (शिशु आफताब) ने भी सटीक अभिनय किया। आश्रमवासियों के रूप में शशि भूषण जौहरी और रीता जौहरी मंच पर आए। अमित देव ने नाटक में संगीत दिया, जबकि प्रकाश संयोजन की जिम्मेदारी दुष्यंत श्रीवास्तव, वस्त्र सज्जा चित्राली कर्णधार और मंच सज्जा  की जिम्मेदारी हनुमंत सिंह ने निभाई। इस अवसर पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आदित्य मूर्ति, आशा मूर्ति, ऋचा मूर्ति, देविशा मूर्ति, सुभाष मेहता, डॉ. एमएस बुटोला, डॉ. प्रभाकर गुप्ता, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. शैलेश सक्सेना, डॉ. आशीष कुमार, डॉ. रीता शर्मा और शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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