नई दिल्ली: 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया है। वे मंगलवार (18 फरवरी) को अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। मौजूदा CEC राजीव कुमार आज रिटायर हो रहे हैं। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले सीईसी हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सोमवार को हुई बैठक में नियुक्ति का फैसला किया गया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। इसी पैनल की सिफारिश पर नए CEC की नियुक्ति हुई। बैठक में विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
राहुल गांधी ने नामों पर विचार से किया था इनकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए CEC के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी, लेकिन राहुल गांधी ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बैठक के बाद राहुल ने डिसेंट नोट जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस ने कहा था कि हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके।
इससे पहले कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सीईसी चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। CEC के चयन के लिए गठित समिति से CJI को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है। उन्होंने कहा, CEC और अन्य EC की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।
याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट CEC और EC की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होनी थी, लेकिन केस लिस्ट नहीं हुआ था। तब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच के सामने मामला उठाया। प्रशांत ने कहा था कि CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नए CEC की नियुक्ति कर सकती है, इसलिए कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे।
इस पर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख देते हुए कहा था कि इस बीच कुछ होता है तो वह अदालत के फैसले के अधीन होगा, इसलिए चिंता की बात नहीं है। मामला मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है।