लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रोन्नति, स्थानांतरण, सम्बद्धता एवं लंबित प्रकरणों का निस्तारण समयबद्ध ढ़ंग से सुनिश्चित करते हुए जनपदों में अधिकारियों की रिक्त पदों पर शीघ्र तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानांतरण नीति-2025 के तहत आवश्यक प्रस्ताव भी तैयार कराया जाए। उन्होंने सेवा संबंधी लंबित प्रकरणों का अतिशीघ्र समाधान किया जाने की भी हिदायत दी। उन्होंने सोनभद्र में स्थित करोड़ों वर्ष पुराने जीवाश्म पार्क को यूनेस्को की सूची में दर्ज कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही आगामी 30 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए सिरे से तैयारी की जाए
पर्यटन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को ये भी निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाजी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक खरब डॉलर बनाने का संकल्प लिया है। इसमें पर्यटन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए सिरे से तैयारी की जाए। इसके अलावा होटल, ढाबों, बारातघर, ग्रामीण होम स्टे एवं शहरी होम स्टे के लिए चिन्हित आवासों में कमरो की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही बेड एण्ड ब्रेकफास्ट एस्टेब्लिशमेंट एंड होम स्टे पॉलिसी के प्रस्तावों को धरातल पर उतराते हुए पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएं सृजित की जाए। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि राजमार्गों के वे-साइट एमिनिट्सि बढ़ाई जाए। पेट्रोल पंम मालिकों से संपर्क कर साफ-सुथरे स्नानघर एवं शौचालय तथा अतिरिकत कमरे बनाए जाने पर जोर दिया जाए।
पर्यटन सेक्टर में आय की असीमित संभावनाएं
पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि वे-साइट एमिनिटी/ढाबा को जनपयोगी बनाया जाए। उप्र धार्मिक पर्यटन स्थल के सर्वाधिक पर्यटक वाराणसी, प्रयागराज, मिरजापुर, लखनऊ, झांसी, बरेली, अयोध्या तथा आगरा में पधारते हैं। इनसे ट्रेवल ऑपेरटर एवं टूर ऑपरेटर होटल व्यवसायियों के साथ ही आम आदमी को रोजगार मिलाता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। चूंकि पर्यटन सेक्टर में आय की असीमित संभावनाएं है। इसको दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों को पर्यटन नीति-2022 के तहत उपलब्ध सुविधाएं सुलभ कराई जाए। पर्यटन को युवाओं से जोड़ने के लिए युवा क्लबों का अधिक से अधिक गठन तथा इको पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इसके अतिरिक्त क्यूरेटेड टूर आयोजित किये जाएं एवं कार्ययोजना के तहत युवा पर्यटन क्लबों की पहचान कर पर्यटन क्लबों में गतिविधियां संचलित की जाए।
जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से इको पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में पर्याप्त सहयोग लिया जाए। साथ ही सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से भी अपेक्षित समन्वय किया जाए। इसके अलावा उप्र ग्रामीण पर्यटन के तहत एग्री -रूरल एण्ड गंगे ग्राम रूरल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए।