उत्तर प्रदेश, देश-दुनिया, धर्म-कर्म, राजनीति, सोशल मीडिया, स्पेशल स्टोरी

Deepotsav 2025: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, इस बार 26 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलन

Deepotsav 2025: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, इस बार 26 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलन
  • -सरयू तट पर अब तक की सबसे बड़ी आरती का भी होगा आयोजन

Deepotsav 2025: अयोध्या में 19 अक्टूबर को दीपोत्सव-2025 के दौरान 26 लाख से अधिक दीये जलाकर ऐतिहासिक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा सरयू तट, राम की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर दीयों की श्रृंखला से अलौकिक दृश्य प्रस्तुत किया जाएगा। राम नगरी का दीपोत्सव एक बार फिर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगा। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभागीय तैयारियां तेजी से चल रही हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दूसरे दीपोत्सव को भव्यता और दिव्यता से मनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राम की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर इस बार 26 लाख से अधिक दीयों को प्रज्वलित कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।

सरयू तट पर होगी अब तक की सबसे बड़ी आरती

उन्होंने बताया, सरयू तट पर अब तक की सबसे बड़ी आरती का आयोजन भी होगा, जिसमें 1100 से अधिक धर्माचार्य, संत-महात्मा और नगरवासी सम्मिलित होंगे। आयोजन से तीन दिन पहले से स्थल पर तैयारी शुरू होगी। गिनीज मानकों के अनुसार डिजाइन आदि से संबंधित समन्वय स्थापित किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस दौरान छात्र-स्वयंसेवक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के सफल संचालन में सहयोग करेंगे। ये स्वयंसेवक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानकों के अनुरूप दीयों की सजावट, प्रज्वलन, गिनती और सत्यापन की जिम्मेदारी निभाएंगे। आयोजन के दौरान दीयों की संख्या को सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया तकनीकी और पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएगी, ताकि रिकॉर्ड का सफल क्रियान्वयन संभव हो सके।

जयवीर सिंह ने बताया कि अयोध्या दीपोत्सव-2025 के दौरान गिनीज रिकॉर्ड प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन, अवध विश्वविद्यालय और अन्य संस्थाओं के बीच लगातार समन्वय किया जाएगा। कार्यक्रम में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक मंडल की उपस्थिति में प्रक्रिया, साक्ष्यों आदि का मिलान किया जाएगा। रिकॉर्ड की पुष्टि के बाद मुख्यमंत्री को पर्यटन मंत्री सहित अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि अयोध्या दीपोत्सव केवल राज्य ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत की आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता का विश्वस्तरीय प्रतीक बन चुका है। भगवान श्रीराम की नगरी में दीपोत्सव का यह पर्व हमारे लिए गर्व का अवसर है, जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। दीयों की श्रृंखला न केवल श्रीराम के आदर्शों का स्मरण कराती है, बल्कि विश्व बंधुत्व का संदेश भी देती है।

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित करता है दीपोत्सव

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि दीपोत्सव हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित करता है। इस वर्ष अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव को पिछले वर्षों की तुलना में और अधिक भव्य बनाने की तैयारियां की जा रही है। अद्भुत झांकियों और मनोरम दृश्यों के साथ विभागीय प्रयास है कि यह आयोजन न केवल देशवासियों बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों के लिए भी एक यादगार अनुभव बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *