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Deepotsav 2025: भारत की समृद्ध संस्कृति, आस्था, परम्परा और आधुनिक तकनीक का दिखेगा समन्वय

Deepotsav 2025: भारत की समृद्ध संस्कृति, आस्था, परम्परा और आधुनिक तकनीक का दिखेगा समन्वय
  • अयोध्या में 26 लाख से अधिक दीप प्रज्जवलित किये जायेंगे, पर्यटन मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की

Deepotsav 2025: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अयोध्या में आयोजित किये जाने वाले एतिहासिक दीपोत्सव-2025 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, दीपोत्सव को भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारिया समय से पूरी करली जाये। पिछले साल की तरह इस साल भी दीपोत्सव का पिछला रिकार्ड तोड़ते हुए नए कीर्तिमान स्थापित किये जाएँ। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में दीपोत्सव-2025 के माध्यम से पूरी अयोध्या को आलोकित करते हुए दुनिया को भारतीय संस्कृति की भव्यता, आस्था तथा प्राचीनता के साथ आधुनिक तकनीकी का समन्वय अनुभव कराना है।

Deepotsav 2025: भारत की समृद्ध संस्कृति, आस्था, परम्परा और आधुनिक तकनीक का दिखेगा समन्वय

आस्था और नवाचार का अद्भुत संगम होना चाहिये दीपोत्सव

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि “दीपोत्सव-2025 आस्था और नवाचार का अद्भुत संगम होना चाहिये।” इस बार का ग्रीन आतिशबाज़ी शो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल होगा और आसमान को रंगों की ऐसी छटा से सजाएगा जिसे दुनिया लंबे समय तक याद रखेगी। पूरे शहर की सजावट और रोशनी को भी अगले स्तर तक ले जाया जा रहा है। सड़कों, घाटों और धरोहर स्थलों को रामायण की जीवंत झलकियों में बदल दिया जाएगा, ताकि हर आगंतुक को लगे मानो वे स्वयं श्री राम की कथा का हिस्सा हो। इस आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण होगा 1100 ड्रोन का शो, जो रामायण के प्रसंगों को आसमान में जीवंत करेगा और रचनात्मकता व तकनीक से प्रेरित नए भारत की छवि प्रस्तुत करेगा। उत्सव के केंद्र में जलाए जाएंगे 26 लाख से अधिक दीपक, जिनकी तैयारियाँ युद्धस्तर पर चल रही हैं। इससे नया विश्व रिकॉर्ड बनेगा और श्रद्धालुओं व आगंतुकों को अविस्मरणीय दृश्य मिलेगा।

सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होनी चाहिए शोभायात्रा

मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी निदेश दिये कि शोभायात्रा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होनी चाहिए। इसके लिए हर राज्य के कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। कम से कम 21 झांकियाँ निकाली जाएंगी, जिनमें 7 झांकियाँ रामायण के सात कांडों पर आधारित होंगी और संस्कृति विभाग द्वारा तैयार की जाएंगी। छह राज्यों की झांकियाँ पहले ही तय हो चुकी हैं और और अधिक झांकियाँ जोड़े जाने की प्रक्रिया जारी है। रामकथा पार्क में भी विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि देर रात तक उत्सव का माहौल बना रहे।

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