Dahi Shakkar Tradition: दही-शक्कर खिलाना हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरागत प्रथा है. मान्यता है कि दही-चीनी खाना शुभ होता है. ज्योतिष के अनुसार इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. जब हम किसी खास काम के लिए घर से बाहर जाते हैं. जैसे यात्रा पर जाने, परीक्षा या इंटरव्यू आदि के लिए जाने से पहले घर वाले दही-चीनी खाकर जाने की सलाह देते हैं.
कई बार आपकी मां या दादी ने भी दही-चीनी खिलाया होगा, यह कहकर कि घर से दही-चीनी खाकर निकलना शुभ होता है. लेकिन क्या सच में दही-शक्कर खाना शुभ होता है. आइये जानते हैं क्या है दही-चीनी के पीछे का लॉजिक.
दरअसल दही को हिंदू धर्म के पांच अमृत तत्वों में एक माना गया है. इसलिए दही की महत्ता काफी बढ़ जाती है. कई धार्मिक अनुष्ठान में भी दही का उपयोग किया जाता है. भगवान शिव का दही से अभिषेक किया जाता है. तो वहीं पंचामृत बनाने के लिए भी दही आवश्यक होता है.
ज्योतिष के अनुसार दही और शक्कर दोनों का रंग सफेद होता है. सफेद रंग का संबंध चंद्रमा से है. ऐसे में दही और शक्कर एक साथ खाने से चंद्र ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है. चंद्र की स्थिति मजबूत होने से कुंडली का भाग्य पक्ष भी मजबूत होता है और मस्तिष्क शांत रहता है. इससे व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है.
साथ ही दही-शक्कर खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. क्योंकि दही में कई विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जो शरीर को ठंडक प्रदान करता है. वहीं शक्कर में ग्लूकोज होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है.