लखनऊ: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कोडिन और नारकोटिक युक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई करने वाले नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की सीधी निगरानी में लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली सहित 13 जिलों में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान कई फर्मों में भारी अनियमितताएं सामने आईं।
यह अभियान लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में तीन जगहों पर स्थित मेसर्स इधिका लाइफसाइंसेज और मेसर्स आर्पिक फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों से शुरू हुआ। छापे में पता चला कि इन फर्मों द्वारा भारी मात्रा में कोडिनयुक्त कफ सिरप भंडारित की गई थी। एक ही पार्टी को बड़ी मात्रा में सिरप का पूरा लॉट बेचा गया था। इन फर्मों के मालिक मनोहर जैसवाल गुजरात में रहते हैं। वहीं से इनका संचालन किया जा रहा था।
सीतापुर में मेडिकल स्टोर सील
गुजरात में निर्माता फर्म के जरिए बड़ी मात्रा में कोडिनयुक्त सिरप तैयार कर लखनऊ और अन्य जिलों में भेजा जा रहा था। छापेमारी के दौरान कई जगहों से नारकोटिक दवाओं से संबंधित अभिलेख जब्त किए गए। कई फर्में बंद मिलीं। सीतापुर में मेडिकल स्टोर सील किया गया।
10 प्रमुख फर्में जांच के दायरे में
आयुक्त ने प्रदेश के 13 जनपदों से औषधि निरीक्षकों की संयुक्त टीम गठित कर जांच की है। इन टीमों का नेतृत्व सहायक आयुक्त (औषधि) लखनऊ मंडल बृजेश कुमार के निर्देशन में किया गया। लखनऊ, सीतापुर और रायबरेली में मेसर्स इधिका लाइफसाइंसेज, मेसर्स आर्पिक फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स नैमिस धाम मेडिकल स्टोर (सीतापुर), मेसर्स नोवोन लाइफसाइंसेज, मेसर्स शुभाश मेडिकल एजेंसी, मेसर्स एमजेएस एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स रिलायंस फार्मास्यूटिकल्स, मेसर्स मेड्रेट फार्मास्यूटिकल्स, मेसर्स पलास फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड, और मेसर्स श्री श्याम फार्मा पर छापा मारा गया।
सीतापुर स्थित मेसर्स नैमिस धाम मेडिकल स्टोर से 2600 बोतल कोडिनयुक्त सिरप की खरीद का रिकॉर्ड मिला, जबकि मौके पर केवल 1000 बोतलें पाई गईं। फर्म को मौके पर सील कर थाने को सूचना दी गई।
अवैध सप्लाई चेन का खुलासा, कई फर्में बंद पाई गईं
छापे के दौरान कई फर्में बंद पाई गईं। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नोवोन लाइफसाइंसेज के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि दुकान कई दिन पहले खाली हो गई थी। वहीं, पलास फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस पहले से निलंबित है। शुभाष मेडिकल एजेंसी की जांच में पता चला कि खरीदी गई कोडिनयुक्त सिरप को बालाजी मेडिकल स्टोर और श्याम मेडिकल एजेंसी को बेचा गया था। बाद वाली एजेंसी का लाइसेंस पहले ही निरस्त किया जा चुका है और उसका संचालक जेल में बंद है।
संदिग्ध फर्मों की जांच जारी
औषधि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सभी संदिग्ध फर्मों की जांच जारी है। जब्त किए गए दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। विभाग का कहना है कि नारकोटिक औषधियों की अवैध बिक्री में लिप्त किसी भी फर्म या व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्रवाई जारी रहेगी।
क्या है कोडिनयुक्त कफ सिरप का खेल?
कोडिनयुक्त कफ सिरप का उपयोग आमतौर पर खांसी की दवा के रूप में किया जाता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा नशे के तौर पर प्रयोग में लाई जाती है। इसी कारण इसे नारकोटिक श्रेणी की औषधि माना गया है। प्रशासन को लंबे समय से इस बात की सूचना मिल रही थी कि कुछ फार्मा कंपनियां और डिस्ट्रीब्यूटर अवैध रूप से बड़ी मात्रा में इसका वितरण कर रहे हैं।