गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (22 जनवरी) को सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में गौ सेवा कर सनातन संस्कृति की परंपरा को पुन: जीवंत किया। मंदिर के गौशाला में उन्होंने अपने सादगीपूर्ण और अनुकरणीय कार्यों से न केवल प्रदेशवासियों बल्कि पूरे देश को यह संदेश दिया कि गौ सेवा भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आज सुबह मंदिर परिसर में भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने गौशाला में समय बिताया। उन्होंने गायों और बछड़ों को अपने हाथों से आहार खिलाया और उनके स्वास्थ्य व देखभाल का जायजा लिया। इस दौरान उनके चेहरे पर संतोष और दया का भाव स्पष्ट दिखाई दिया। मुख्यमंत्री का यह कृत्य सनातन धर्म की गौ सेवा परंपरा के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। इस अवसर पर मंदिर के महंत, सुरक्षाकर्मी और स्थानीय श्रद्धालु भी उपस्थित थे।
गौ सेवा हमारी नैतिक जिम्मेदारी: सीएम योगी
गौशाला के सेवकों ने बताया कि मुख्यमंत्री नियमित रूप से गौ सेवा में समय देते हैं और गौ संरक्षण के लिए समर्पित रहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह प्रयास प्रदेश में पशुपालन और गौ सेवा के महत्व को समझाने में प्रभावी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि गौ सेवा केवल धर्म का हिस्सा नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। गायें न केवल हमारी आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि प्रकृति और जीवन संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
गौरतलब है कि गोरखनाथ मंदिर हमेशा से ही गौ संरक्षण का केंद्र रहा है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में इस गौशाला का विकास एक आदर्श उदाहरण बन चुका है। यह उनके जीवन की सरलता और सेवा भावना को प्रकट करता है, जिससे आम जनता और धार्मिक समुदाय के लोग प्रेरणा ले रहे हैं।
देशभर में प्रेरणा का स्रोत बनी योगी आदित्यनाथ की गौ सेवा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह गौ सेवा न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। उनकी सेवा भावना और धर्मनिष्ठा ने लोगों के बीच आदर और सम्मान की भावना को और प्रबल किया है। यह खबर न केवल सनातन धर्मावलंबियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है, जो पशु सेवा और समाज के प्रति समर्पण की भावना रखते हैं।