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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: WSJ की रिपोर्ट में दावा- कैप्टन ने रोकी थी फ्यूल सप्लाई

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: WSJ की रिपोर्ट में दावा- कैप्टन ने रोकी थी फ्यूल सप्लाई

नई दिल्‍ली: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के क्रैश हुए विमान के दोनों पायलटों के बीच आखिरी बातचीत को लेकर नया दावा सामने आया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि विमान के कैप्टन सुमीत सभरवाल ने इंजनों में फ्यूल की सप्लाई रोकी थी।

WSJ ने बताया कि यह खुलासा दोनों पायलटों के बीच बातचीत की कॉकपिट रिकॉर्डिंग से हुआ है। वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला कि बोइंग विमान उड़ा रहे को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछा, ‘आपने फ्यूल स्विच को ‘CUTOFF’ पोजिशन में क्यों कर दिया?’ सवाल करते समय को-पायलट हैरान थे। उनकी आवाज में घबराहट थी, जबकि कैप्टन सुमीत शांत दिखे। कैप्टन सुमीत सभरवाल एअर इंडिया विमान के सीनियर पायलट थे। उनके पास 15,638 घंटे और को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था।

WSJ की रिपोर्ट के दावे का आधार

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में विमान हादसे की जांच करने वाले अमेरिकी अधिकारियों की शुरुआती जांच से परिचित लोगों का हवाला दिया है। इस रिपोर्ट पर भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB), नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बोइंग या एअर इंडिया की प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भारत ने भी पायलटों की बातचीत की थी सार्वजनिक

इससे पहले एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को प्लेन क्रैश पर अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया था कि फ्यूल स्विच अचानक ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए थे, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि फ्यूल स्विच कैसे बंद हुए। AAIB की रिपोर्ट में बताया कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पर एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि उसने फ्यूल क्यों बंद कर दिया। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।

एयर इंडिया बोला- बोइंग-787 विमानों के फ्यूल स्विच में खराबी नहीं

एयर इंडिया ने बुधवार को अपने बोइंग-787 सीरीज के सभी विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग फीचर की जांच पूरी होने की जानकारी दी। एयरलाइन कंपनी ने अपने पायलटों को भेजे एक मैसेज में बताया कि जांच के दौरान फ्यूल स्विच में कोई खराबी नहीं पाई गई। कंपनी ने बताया कि सभी बोइंग-787 विमानों में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) भी बदले गए हैं। फ्यूल कंट्रोल स्विच, TCM का एक अहम हिस्सा है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जुलाई को सभी एयरलाइन कंपनियों को 21 जुलाई तक बोइंग-737 और 787 सीरीज के सभी विमानों में फ्यूल स्विच की जांच करने के निर्देश दिए थे। एअर इंडिया के पास कुल 33 बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान हैं। इंडिगो के पास सात B-737 मैक्स 8 और एक B-787-9 विमान हैं। ये सभी विमान लीज पर, वेट लीज पर या फिर डैम्प लीज पर हैं। इसलिए भारत में रजिस्टर्ड नहीं हैं।

पायलट संगठन बोला- पायलटों की छवि खराब करने की कोशिश

एयर इंडिया के विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट को लेकर पायलटों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने आपत्ति जताई है। संगठन ने कहा कि बिना पूरी और पारदर्शी जांच के पायलटों पर दोष डालना जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना है। FIP ने बुधवार को बयान जारी कर मीडिया, अधिकारियों और अन्य लोगों से अपील की कि वह अधूरी जानकारी या गलतफहमियों को फैलाने से बचें। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के 32 सेकेंड देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी।

एफआईपी अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा कि पायलट संगठनों को जांच में शामिल नहीं किया गया और रिपोर्ट को जिस तरह से पेश किया गया है, वह एकतरफा और अधूरी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ कॉकपिट की बातचीत के कुछ हिस्सों को चुनकर पेश किया गया है और पायलटों की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है।

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