बरेली: जिले में महिला के जबरन धर्मांतरण और गोमांस खिलाने का मामला फर्जी निकला। महिला ने जिन लोगों पर यह आरोप लगाया था, उन्हीं के साथ मिलकर वो देह व्यापार का गैंग चलाती है। यह गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता है, जिनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी हो या जो दूसरी शादी करना चाहते हैं। गिरोह शादी के फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। फिर महिला कुछ दिन साथ रहकर मौका पाकर माल समेटकर फरार हो जाती है। इसके बाद अगली ठगी के लिए नए शिकार की तलाश शुरू हो जाती है।
23 जुलाई को बहेड़ी में चंदा कुमारी पुत्री बचनेश्वर निवासी बांस बेरिया, थाना मगरा, जनपद हुगली (कोलकाता) ने एक मुकदमा दर्ज कराया। उसने आरोप लगाया कि आरोपी बख्तावर पुत्र बाबू निवासी मंडनपुर शुमाली थाना बहेड़ी व अन्य ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, मारपीट की, जबरन गोमांस खिलाया, गर्भपात कराया और देह व्यापार में धकेला। मामले में धारा 69/115(2)/351(3)/299/318(4)/89 बीएनएस व 5/9 अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
जांच में खुली साजिश की परतें
बहेड़ी थाना पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आया कि चंदा खुद इस गैंग का हिस्सा है। वह बख्तावर व अन्य लोगों के साथ मिलकर झूठी शादी कर लोगों से ठगी और देह व्यापार में लिप्त थी। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों बख्तावर, राजवीर, गुड्डू उर्फ शरीफ, ताहिर को गिरफ्तार किया। वहीं, चंदा और उसकी सहयोगी पिंकी सहित कुछ सदस्य फरार हैं। बख्तावर के खिलाफ पहले से भी देह व्यापार के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को उनके पास से विवाह शपथ पत्र, लिव-इन रिलेशनशिप के एफिडेविट जैसे कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं।
बहेड़ी थाने में दर्ज मुकदमे के बाद पुलिस ने जब गहराई से जांच की तो जो महिला खुद को पीड़िता बता रही थी, वही इस गिरोह की अहम सदस्य निकली। वह लोगों को अपने झांसे में फंसाकर शादी करती थी और फिर मौका पाकर घर से नगदी व गहने समेटकर फरार हो जाती थी। पुलिस की जांच से पूरा मामला पलट गया और आरोपियों की बजाय कथित पीड़िता की सच्चाई सामने आई।
पुलिस की कार्रवाई में चार आरोपी गिरफ्तार
सीओ बहेड़ी अरुण कुमार ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक संजय तोमर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मंडनपुर कट के पास से चार अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनमें बख्तावर, ताहिर, गुड्डू उर्फ शरीफ और राजवीर शामिल हैं। इन सभी पर देह व्यापार में संलिप्त होने और फर्जी शादी कर ठगी करने के आरोप हैं। पूछताछ में सामने आया कि चंदा की शादी आठ साल पहले विकास यादव से हुई थी, जिससे उसकी एक पांच साल की बेटी भी है।
दो साल से वह पति के साथ नहीं रह रही थी और करीब एक साल पहले कोलकाता से रुद्रपुर आ गई थी। वहां वह पिंकी नाम की महिला के साथ रहने लगी, जो पहले से ही देह व्यापार में लिप्त थी। पिंकी के जरिए ही चंदा की मुलाकात ताहिर से हुई और फिर उसे बख्तावर से मिलवाया गया। धीरे-धीरे चंदा भी इस गैंग का हिस्सा बन गई।
बुजुर्गों को बनाते थे शिकार
इस गिरोह के सदस्य ऐसे बुजुर्ग या विदुर पुरुषों को तलाशते थे, जो दूसरी शादी करना चाहते थे। फिर चंदा को उनसे मिलवाकर झूठी शादी कराई जाती थी और वह मौका पाकर पैसा व गहने लेकर फरार हो जाती थी। पुलिस जांच में अब तक ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं।
सीओ बहेड़ी अरुण कुमार ने बताया कि ये लोग फर्जी पहचान, फर्जी दस्तावेज और शादी के झूठे वादे के सहारे ठगी करते थे और बाद में महिला फरार हो जाती थी। पुलिस इस गैंग से जुड़े सभी व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर रही है और आगे भी कई खुलासे और गिरफ्तारियां संभव हैं। विवेचना गहनता से जारी है।