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बुसान बुद्धिज़्म एक्सपो 2025: यूपी पर्यटन पवेलियन ने बढ़ाई बौद्ध सर्किट की पहचान

बुसान बुद्धिज़्म एक्सपो 2025: यूपी पर्यटन पवेलियन ने बढ़ाई बौद्ध सर्किट की पहचान
  • कोरियाई प्रतिनिधिमंडल करेगा यूपी के बौद्ध सर्किट का भ्रमण, अयोध्या से प्राचीन संबंध बना आकर्षण का केंद्र

लखनऊ: दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक नगर बुसान के बेक्सको में आयोजित बुसान इंटरनेशनल बुद्धिज़्म एक्सपो 2025 में उत्तर प्रदेश पर्यटन ने बौद्ध विरासत की झलक प्रस्तुत की। सात से 10 अगस्त 2025 तक चले इस भव्य आयोजन में यूपी पर्यटन के पवेलियन ने आगंतुकों को भगवान बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों और बौद्ध सर्किट की विशेषताओं से अवगत कराया, जिससे प्रदेश की आध्यात्मिक पर्यटन की पहचान और गहरी हुई। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने दी। उन्होंने बताया कि बुसान इंटरनेशनल बुद्धिज़्म एक्सपो 2025 के चार दिवसीय आयोजन के दौरान एशिया के विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षु, पर्यटन उद्योग प्रतिनिधि और टूर-ट्रैवल ऑपरेटर एक मंच पर जुटे। भारत-कोरिया के आध्यात्मिक संबंधों को नई ऊर्जा देने वाले इस एक्सपो में उत्तर प्रदेश पर्यटन पवेलियन ने भगवान बुद्ध से जुड़ी समृद्ध विरासत का भव्य प्रदर्शन किया।

बुसान बुद्धिज़्म एक्सपो 2025: यूपी पर्यटन पवेलियन ने बढ़ाई बौद्ध सर्किट की पहचान

पर्यटन मंत्री ने बताया शांति,  संस्कृति और ज्ञान की यात्रा का आमंत्रण देता यह मंडप ‘बुद्धा राइस’ सहित अन्य आकर्षण का केंद्र रहा। इस आयोजन ने बौद्ध शिक्षाओं, कला, संस्कृति और वैश्विक संवाद का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। बुसान में आयोजित एक्सपो में उत्तर प्रदेश पर्यटन पवेलियन का शुभारंभ भारतीय दूतावास की प्रथम सचिव एवं हेड ऑफ चांसरी अनन्या अग्रवाल (आईएफएस-2013) और उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधि ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान कोरियाई बौद्ध धर्म के सबसे सम्मानित भिक्षुओं में से एक सुबुल सुनीम की उपस्थिति रही। उन्होंने सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु (पिपरहवा), संकिसा और श्रावस्ती जैसे प्रतिष्ठित बौद्ध स्थलों के संरक्षण और उन्नयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। साथ ही, भारत आकर इन स्थलों की तीर्थ यात्रा का निमंत्रण स्वीकार किया।

यूपी की बौद्ध धरोहरों ने वैश्विक मंच पर आगंतुकों का ध्यान किया आकर्षित

एक्सपो में उत्तर प्रदेश पर्यटन ने राज्य के भगवान बुद्ध से जुड़े सभी प्रमुख तीर्थस्थलों का भव्य प्रदर्शन किया। यूपी की बौद्ध धरोहरों ने वैश्विक मंच पर आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। पवेलियन में रोचक कहानियों, सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और अनूठी सजावट ने विशेष रूप से लोगों को लुभाया। बुद्धा राइस जैसे प्रतीकात्मक उपहारों के जरिए भारत और कोरिया की साझा परंपराओं व मूल्यों का अनुभव आगंतुकों को कराया गया। उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों और उसके आसपास बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटक सुविधाओं को विकसित किए जाने के प्रयासों को भी प्रस्तुत किया गया। बौद्ध स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी से लेकर तीर्थस्थलों पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने तक की जानकारी दी गई।

यूपीई के बौद्ध सर्किट में 1000 से अधिक कोरियाई पर्यटकों के आने की संभावना

उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने जोग्ये ऑर्डर के ले बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग वोनजू से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। बैठक में भारत यात्रा को प्रोत्साहित करने में जोग्ये ऑर्डर की संभावित भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। वार्ता के दौरान अयोध्या का विशेष उल्लेख किया गया, जहां आने में कोरियाई आगंतुकों ने गहरी रुचि दिखाई। माना जाता है कि कोरिया की महारानी हियो ह्वांग-ओक का जन्म अयोध्या में हुआ था, जिससे यह स्थान कोरियाई पर्यटकों के लिए विशेष ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। एक्सपो में हुई वार्ताओं के परिणामस्वरूप अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच उत्तर प्रदेश के बौद्ध सर्किट में 1,000 से अधिक कोरियाई पर्यटकों के आने की संभावना है। इसमें 22 से 27 जनवरी 2026 के बीच लगभग 500 तीर्थयात्रियों का एक बड़ा दल पहुंचेगा, जबकि अन्य समूह विभिन्न तिथियों पर आएंगे।

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