Budget Session 2025: बजट सत्र के तीसरे दिन यानी सोमवार (3 फरवरी) को विपक्ष ने लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ में हुई मौतों को लेकर जमकर हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कहा कि सरकार भगदड़ से हुई मौतों का सही आंकड़ा जारी करे। इस पर स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपनी स्पीच में महाकुंभ का भी जिक्र किया है। अभी प्रश्नकाल है, इसलिए इस समय दूसरे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। अपने सवाल रखें। इसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे हैं। वे लगातार नारा लगा रहे हैं- ‘सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे। केंद्र सरकार होश में आओ, होश में आओ।’
वहीं, JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने सदन की कार्रवाई के पहले कहा कि विपक्ष एक निश्चित एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने 428 पेज की रिपोर्ट में से 281 पेज पर असहमति नोट प्रस्तुत किया है। मीडिया से बात करते हुए, पाल ने जोर देकर कहा कि उन्होंने सभी गवाहों पर विचार करने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार की है।
हालांकि, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट, जिसे आज लोकसभा में पेश किया जाना था, को आगे के लिए स्थगित कर दिया गया है।
रणदीप सुरजेवाला ने संविधान पर चर्चा की मांग
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को देश भर में संविधान और डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनादर के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश किया। राज्यसभा के महासचिव को भेजे गए नोटिस में सुरजेवाला ने आज के लिए सूचीबद्ध अन्य निर्धारित कार्यों को स्थगित करने की अपील की, ताकि उनकी तरफ से उठाए मुद्दे पर चर्चा की जा सके।
कांग्रेस और जॉर्ज सोरोस के रिश्ते का पर्दाफाश करूंगा: निशिकांत
सदन में जाने से पहले लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं 10 सवाल उठाना चाहता हूं, लेकिन विपक्ष मुझे ऐसा करने नहीं दे रहा है। मैं गांधी परिवार और जॉर्ज सोरोस के बीच संबंधों को उजागर करूंगा। जॉर्ज सोरोस के बेटे की बांग्लादेश के सीईओ मोहम्मद यूनुस के साथ एक तस्वीर प्रकाशित हुई है और उनका बेटा 4 दिनों तक बांग्लादेश में रहा। उन्होंने बांग्लादेश को भारत में घुसपैठियों को भेजने और हमारे देश को विभाजित करने का केंद्र बना दिया है, मैं इसका पर्दाफाश करने जा रहा हूं।
30 जनवरी को लोकसभा स्पीकर को सौंपी गई थी रिपोर्ट
जेपीसी ने 30 जनवरी को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे थे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया था। जेपीसी ने 29 जनवरी को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया।
जेपीसी अध्यक्ष पाल ने कहा कि हमारे समक्ष 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों ने संशोधन प्रस्तावित किए थे। हमने बहुमत से मतदान कराया और फिर इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। हालांकि, कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि हमें 655 पन्नों की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट मिली थी। 655 पन्नों की रिपोर्ट को एक रात में पढ़ना असंभव था। मैंने असहमति जताई है और संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।