लखनऊ: नए साल यानी 2025 के पहले महीने में ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है। बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष ही संगठन के मोर्चे पर विधानसभा चुनाव 2027 में कमान संभालेंगे। ऐसे में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस वाले नेताओं की दौड़ लखनऊ से दिल्ली ही नहीं, बल्कि नागपुर तक तेज हो गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार लखनऊ में समीकरण बैठाने के साथ दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से लेकर नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय तक संपर्क साधने में जुटे हैं। सपा के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) कार्ड को तोड़ने के लिए बीजेपी पिछड़े या दलित वर्ग के नेता को संगठन की कमान सौंप सकती है। दैनिक भास्कर के सूत्रों का कहना है कि इस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है। वहीं, पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में मंडल अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। पार्टी के जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया भी 7 जनवरी तक पूरी हो जाएगी।
यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रेस में कौन-कौन?
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा– बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी भी रहे हैं। बीएल वर्मा लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री हैं।
अमरपाल मौर्य– पिछड़े वर्ग में पार्टी के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सदस्य अमरपाल मौर्य ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दावेदारी पेश की है। अमरपाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के सहयोगी के रूप में भाजपा में राजनीति शुरू की थी। केशव प्रसाद मौर्य की टीम में पहली बार प्रदेश मंत्री बने। उसके बाद महेंद्रनाथ पांडेय की टीम में भी रहे। स्वतंत्र देव सिंह और भूपेंद्र सिंह चौधरी की टीम में भी प्रदेश महामंत्री हैं। ऊंचाहार से विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजा।
डॉ. दिनेश शर्मा- पूर्व डिप्टी सीएम हैं। राज्यसभा सदस्य भी हैं। लगातार दो बार लखनऊ के महापौर और भाजपा के संगठन चुनाव के राष्ट्रीय प्रभारी भी रहे हैं। आरएसएस और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के करीबी हैं।
बाबूराम निषाद– भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं। भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी भी रहे हैं। विधानसभा उपचुनाव में कटेहरी से धर्मराज निषाद विधायक चुने गए।
प्रकाश पाल– कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं। लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
विनोद सोनकर– कौशांबी के पूर्व सांसद विनोद सोनकर भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ताकत लगा रहे हैं। कौशांबी के पूर्व सांसद हैं। पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री भी रहे हैं।
हरीश द्विवेदी– हरीश द्विवेदी बस्ती से दो बार सांसद रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री के साथ असम के प्रभारी भी हैं।
विद्यासागर सोनकर– विद्यासागर सोनकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे हैं। एमएलसी हैं। पूर्व सांसद भी हैं।
कई ब्राह्मण नेता भी कतार में
बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी के कई ब्राह्मण नेता भी कतार में लगे हैं। राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक भी दौड़ में शामिल हैं। पार्टी के कुछ नेता कयास लगा रहे हैं कि चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय को ही एक बार फिर संगठन की कमान सौंपी जा सकती है।
इस दौड़ में दलित कैंडिडेट भी शामिल
वहीं, पूर्व सांसद रमाशंकर कठेरिया, प्रदेश महामंत्री प्रियंका रावत, एमएलसी लालजी निर्मल और एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया सहित अन्य दावेदार भी हैं।