बरेली: जनपद की रामगंगानगर आवासीय योजना में जिन किसानों ने अपनी जमीन दी है, अब बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) उनको फायदा देने को तैयार है। बीडीए उन 64 किसानों को विकास शुल्क जोड़कर भूखंड देने के लिए तैयार है, जिन्होंने योजना को विकसित करने के लिए जमीन दी है। इस संबंध में सन् 1999 के शासनादेश का पालन होगा। शासनादेश में अधिग्रहीत भूमि के 7% हिस्से का भूखंड दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन बीडीए ने पूर्व में इसका पालन नहीं किया। छह याचिकाएं दाखिल हुईं थीं। अदालत के आदेश के क्रम में अब भूखंड देने पर बीडीए बोर्ड की विशेष बैठक में सहमति बनी है।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में सोमवार को प्राधिकरण की 90वीं बोर्ड बैठक हुई। इसी दौरान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में डेवलेपमेंट चार्ज जोड़कर भूखंड देने का फैसला किया गया। बीडीए के सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि रामगंगानगर आवासीय योजना के लिए 962 किसानों ने जमीन दी थी। कुल किसानों में 64 ने 7% जमीन का भूखंड मांगा है। इसके लिए छह याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। एक याचिका में भूखंड देने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
विकास शुल्क जोड़कर भूखंड देने का ऑफर
इसी क्रम में बोर्ड के सदस्यों ने 3 नवंबर, 2010 और 2 जून, 2011 के शासनादेश का पालन करते हुए भूखंड देने पर सहमति दी है। सचिव के अनुसार बीडीए 20 नवंबर, 1999 की गाइडलाइन के क्रम में विकास शुल्क वसूल सकता है। इसलिए विकास शुल्क की गणना के बाद भूखंड ऑफर किए जाएंगे। बैठक में डीएम रविंद्र कुमार और बीडीए के उपाध्यक्ष मनिकंडन ए. भी मौजूद रहे।
पेट्रोल पंप व सर्विस स्टेशन स्थापित करने में मिलेगी राहत
400 वर्ग मीटर के भूखंड पर पेट्रोल फिलिंग स्टेशन और सर्विस स्टेशन स्थापित करने में राहत दी गई है। अब तक पंप और सर्विस स्टेशनों के प्रवेश और निकासी का मार्ग न्यूनतम नौ मीटर चौड़ा करने के आदेश रहे हैं, लेकिन अब इन्हें 7.5 मीटर चौड़ा करने की नियमावली पारित की गई है। इसके लिए शासन ने भवन निर्माण और विकास उप विधि 2008 में संशोधन किया है। पेट्रोल पंप और बफर स्ट्रिप 12 मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी करने का प्रावधान था। अब इसे न्यूनतम पांच मीटर लंबा और तीन मीटर चौड़ा बनाए जाने की नियमावली पारित की गई है। इस बारे में 14 अक्टूबर को शासनादेश जारी हुआ है, जिसे बोर्ड की बैठक में सोमवार को अपनाया गया है।
बीडीए बोर्ड ने नाथधाम टाउनशिप की जमीन के अधिग्रहण को रफ्तार देने के लिए सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी नियुक्त करने पर सहमति दी है। बोर्ड के सदस्य पार्षद राजेश अग्रवाल ने कहा कि ऐसे अधिकारी को न रखा जाए जो जिले का मूल निवासी हो। इस पर अधिकारियों ने सहमति जाहिर की। सचिव ने बताया कि अधिग्रहण के लिए सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार के पद सृजित न होने की वजह से राजस्व अधिकारी की नियमित तैनाती नहीं है। संविदा पर कर्मचारी रखकर काम चला रहे हैं। इनके पर्यवेक्षण के लिए संविदा पर एक सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी नियुक्त करना जरूरी है।