नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आएगा। यह बिल बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा। न्यूज एजेंसी PTI ने खेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा- ‘जब यह बिल कानून बन जाएगा तब BCCI को वैसे ही इसका पालन करना पड़ेगा, जैसे बाकी राष्ट्रीय खेल महासंघ देश के कानूनों का पालन करते हैं।’
क्रिकेट के साल 2028 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल होने से बीसीसीआई अब ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बन चुका है। यह बिल खेल संगठनों में समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों की भलाई तय करने के लिए एक मजबूत स्ट्रक्चर बनाने के लिए लाया जा रहा है।
पूर्व सेक्रेटरी ने कहा- इसकी जरूरत नहीं
BCCI के पूर्व सेक्रेटरी संजय जगदाले ने इस पर दैनिक भास्कर से कहा कि मुझे BCCI को इस बिल के दायरे पर लाने की संभावना नजर नहीं आती है। मुझे लगता है कि BCCI सबसे व्यवस्थित ढंग से संचालित होने वाली संस्था है। टीम भी अच्छा परफॉर्म कर रही है। ऐसे में भारत के अन्य नेशनल स्पोर्ट्स एसोसिएशन को BCCI से सीखना चाहिए, न कि इसे सरकार के दायरे में लाना चाहिए।
इससे पहले खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी यह बिल लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, इस विधेयक के तहत एक नियामक बोर्ड बनेगा, जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSF) को मान्यता देने और उन्हें फंडिंग प्रदान करने का अधिकार होगा। बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल महासंघ उच्चतम प्रशासनिक, वित्तीय और नैतिक मानकों का पालन करें।
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेस बिल-2025 (खास बातें)
- सभी नेशनल फेडरेशन की तरह BCCI को भी देश के कानून का पालन करना होगा।
- स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन बिल तय समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों के हित के लिए इंस्टीट्यूशनल फ्रेम वर्क तैयार करेगा।
- 2028 के लॉस एंजिल्स ओलिंपिक गेम्स में क्रिकेट शामिल किए जाने के बाद BCCI ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बना है।