उत्तर प्रदेश, राजनीति

आजम-अखिलेश की पहली मुलाकात, रामपुर में सपा प्रमुख बोले- जितने झूठे मुकदमे लगे हैं, सब वापस होंगे

आजम-अखिलेश की पहली मुलाकात, रामपुर में सपा प्रमुख बोले- जितने झूठे मुकदमे लगे हैं, सब वापस होंगे

रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान के जेल से छूटने के बाद पहली बार बुधवार को उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में दो घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान आजम की पत्नी और बेटे भी मौजूद नहीं थे।

इसके बाद बाहर निकलने पर अखिलेश यादव ने कहा, आजम साहब बहुत पुराने नेता हैं। उनका गहरा साया हमेशा हमारे साथ रहा है। आजम खान हमारी पार्टी का दरख्त (पेड़) हैं। आजम परिवार पर भाजपा केस करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। यह बड़ी लड़ाई है और उसमें हम सब मिलकर लड़ेंगे।

आजम खान ने खुद किया रिसीव

इससे पहले अखिलेश को आजम खान ने खुद रिसीव किया। फिर अखिलेश और आजम एक ही कार में बैठकर घर पहुंचे। अखिलेश बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे लखनऊ से निजी विमान से रामपुर के लिए रवाना हुए। वह पहले बरेली एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से हेलिकॉप्टर से दोपहर 12:45 बजे रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में लैंड हुए।

अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजम खान फिर से अपने पुराने अंदाज में दिखे। मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने कहा, खूबसूरते हाल तो आज भी वही है, चलिए किस गली में चलेंगे। अब तो हमारे लिए मोहब्बतों का जुनून समंदर बन चुका है। क्योंकि, हम हर कसौटी पर कसे जा चुके हैं।

अखिलेश से मुलाकात पर बोले

जब आजम से पूछा गया- इमरजेंसी और अब के वक्त में क्या अंतर हैं? तो उनका जवाब था- पहले आदमियत थी। अब हैवानियत भी नहीं है। शर्म आती है। आगे के प्लान के बारे में पूछने पर कहा कि अभी यह तय करना है कि कौन अपना और कौन नहीं? मुझे उसके लिए कुछ वक्त चाहिए। वहीं, अखिलेश से मुलाकात पर आजम खान ने कहा, उस परिवार से दो जिंदगियां जुड़ी हैं। मेरी पूरी जिंदगी वहीं गुजर गई। अब अगली नस्ल की जिंदगी भी वही जुड़ी है। रिश्तों की डोर इतनी मजबूत होनी ही चाहिए।

इसके अलावा, जब आजम से पूछा गया कि अखिलेश यादव रामपुर सांसद को लेकर आए, लेकिन बरेली में ही छोड़ दिया? हेलिकॉप्टर में जगह नहीं थी या दिल में? इस पर आजम ने कहा- न हेलिकॉप्टर की बात है और न दिल की। मेरे पास अखिलेश का कार्यक्रम आया था। प्रशासन किसी दूसरे को आने की इजाजत नहीं दे रहा था। इसमें मेरी कोई खता नहीं। किसी और का कार्यक्रम होता, तो सिर आंखों पर। वो बड़े इमाम हैं। इतने बड़े हैं कि रामपुर वालों के न जानते-पहचानते हुए भी एमपी (सांसद) हो गए।

परिवार वालों से नहीं हुई मुलाकात

परिवार वालों की अखिलेश से मुलाकात पर आजम ने कहा, परिवार घर पर नहीं है। बीवी इलाज के लिए गई हैं। बेटा मुकदमों और अदालतों में व्यस्त है। तिनका-तिनका हो गया सब कुछ। उन्होंने यह भी कहा कि गिला होता, तो शिकवा होता। होता तो बचा होता।

इससे पहले 23 सितंबर को आजम खान जेल से रिहा हुए थे। उस समय अखिलेश उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे थे। तब आजम ने कहा था- हम कोई बड़े नेता नहीं हैं। अगर बड़े नेता होते, तो बड़ा नेता लेने आता। बड़ा, बड़े को लेने आता है।

अखिलेश ने फोटो शेयर कर लिखा- क्या कहें उस मुलाकात की दास्तान

अखिलेश ने आजम खान से मुलाकात की फोटो X पर शेयर की। उन्होंने लिखा- क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की।

अखिलेश बोले- आजम खान हमारी पार्टी की दरख्त

अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा- आजम खान साहब बहुत पुराने नेता हैं। उनका गहरा साया हमेशा हमारे साथ रहा है। यह बड़ी लड़ाई है और उसमें हम सब मिलकर लड़ेंगे। आजम खान हमारी पार्टी की दरख्त (पेड़) हैं।

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि आजम खान और उनके परिवार पर सबसे ज्यादा केस लगे हैं। ये सरकार पता नहीं कौन सा गिनीज रिकॉर्ड बनाना चाह रही है।

पीडीए के लोगों को किया जा रहा परेशान

जेल से रिहाई के समय मैं आजम खान से मिलने नहीं पहुंच पाया था, इसलिए मिलने आया हूं। अब हम आगे भी मिलते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में भी जज साहब के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश हुई थी। बताइये पीडीए के लोग जहां-जहां बैठे हैं, उन्हें वहां परेशान किया जा रहा है।

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