- महाकुंभ में केंद्र सरकार ने कराया ‘स्पीरिचुअल सर्वे-2025’, सामने आए नतीजे
लखनऊ: केंद्र सरकार ने महाकुंभ 2025 में भारत के साथ-साथ 45 देशों के 3,52,388 श्रद्धालुओं का सर्वे कराया। सर्वे में पर्यटकों ने अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज को देश के टॉप डेस्टिनेशन के रूप में चुना। यह भी सामने आया कि मेले के दौरान प्रयागराज आने वाले घरेलू और विदेशी श्रद्धालुओं ने औसतन 5877.63 रुपये व्यय किया। इस प्रकार महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह जानकारी मेसर्स डिलायट द्वारा एक सर्वे में दी गई है।
भारत सरकार द्वारा कराया आया ‘महाकुंभ ‘स्पीरिचुअल सर्वे-2025’
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मेसर्स डिलायट राज्य की वन ट्रिलियन डालर इकॉनमी के लक्ष्य में पर्यटन के अधिकतम योगदान पर कार्य कर रहा है। संस्था की ओर से बताया गया कि भारत सरकार द्वारा ‘महाकुंभ ‘स्पीरिचुअल सर्वे-2025’ कराया गया था। इसका उद्येश्य देश के टॉप डेस्टिनेशन का पता करना था ताकि वहां का आवश्यकतानुरूप विकास किया जा सके। इस क्रम में 28 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज में तेलियरगंज, झूंसी, अरैल, परेड ग्राउंड सहित अन्य स्थलों पर आल इंडिया इंस्टिट्यूट आफ लोकल सेल्फ गर्वनमेंट (एआइआइएलएसजी) द्वारा सर्वे कराया गया।
सर्वे में सामने आये ये नतीजे
सर्वे में यूएसए, यूके, कनाडा, नेपाल, आस्ट्रेलिया, फिजी सहित 45 देशों के कुल 3,51,295 पर्यटकों ने हिस्सा लिया। सभी से इसमें लास्ट विजिटेड प्लेस में 27.32% ने अयोध्या, 22.68% ने संगम प्रयागराज और 8.81% लोगों ने वाराणसी बताया। आगामी भ्रमण में 32.57% ने संगम प्रयागराज, 12.46% ने अयोध्या और 7.46% ने वाराणसी चुना। इसके साथ ही अपनी पसंदीदा जगह में 22.55% लोगों ने अयोध्या, 19.96% ने संगम प्रयागराज और 12.27% ने अयोध्या को चुना।
सर्वे के मुताबिक घरेलू पर्यटकों ने परिवार के साथ जबकि विदेशी पर्यटकों ने अकेले महाकुंभ भ्रमण को प्राथमिकता दी। सर्वे के मुताबिक 40% भारतीय परिवार के साथ, 30.88% अकेले, 29.13% दोस्तों के साथ जबकि 55.26% विदेशी पर्यटक अकेले, 24.43% परिवार के साथ, 20.31% दोस्तों के साथ भ्रमण के लिए आए थे। पर्यटकों ने यात्रा पर 41.11%, ठहरने पर 16.64%, खानपान पर 11.24%, धार्मिक सामग्रियों के खरीद में 11.08%, मनोरंजन आदि पर 2.13%, शॉपिंग पर 7.42% तथा अन्य पर 10.38% खर्च किया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि इस प्रकार महाकुंभ ने भारतीय संस्कृति को विश्व में प्रचारित करने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पर्यटन विभाग ने विशिष्ट अनुभव प्रदान किया।