लखनऊ: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (UP ATS) ने धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के सहयोगी राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने उसे लखनऊ के चिनहट से पकड़ा है। वह बलरामपुर कोर्ट में क्लर्क है। उस पर छांगुर बाबा को कोर्ट स्तर से मदद दिलाने और फंडिंग का आरोप है। राजेश छांगुर बाबा का छठा सहयोगी है, जिसे गिरफ्तार किया गया है।
यूपी एटीएस ने राजेश को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। 19 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से राजेश को जेल भेज दिया गया। इसकी जानकारी रविवार को सामने आई है। पूछताछ में सामने आया कि राजेश उपाध्याय ने छांगुर बाबा को कोर्ट से राहत दिलाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था। उसके खिलाफ राजद्रोह, धोखाधड़ी, वर्गों के बीच नफरत फैलाने और धर्म परिवर्तन कानून की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
पुणे में पत्नी के नाम 16 करोड़ की जमीन
राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता उपाध्याय के नाम पुणे में एक जमीन है। इसकी 16 करोड़ रुपये की डील हुई थी। इसकी ATS जांच कर रही है। माना जा रहा है कि यह डील हवाला और धर्मांतरण से मिले पैसे से जुड़ी है। ईडी ने भी कुछ समय पहले लखनऊ स्थित राजेश उपाध्याय की संपत्तियों पर छापेमारी की थी। बलरामपुर में दो जमीनों के एग्रीमेंट में भी राजेश की पत्नी संगीता का भी नाम सामने आया है।
ATS और ED को राजेश के बैंक खाते में छांगुर सिंडिकेट से आए करीब 8 लाख रुपए के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं, छांगुर गैंग ने अपने विरोधियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर कई मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों को दर्ज कराने में राजेश की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है।
छांगुर बाबा के लिए राजेश क्या करता था?
ATS की जांच में सामने आया कि राजेश ने छांगुर बाबा और अन्य आरोपियों के मामलों को कोर्ट में आगे बढ़ाने में मदद की। विरोधियों को फंसाने के लिए छांगुर बाबा के निर्देश पर FIR दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा कथित 8 लाख रुपये की फंडिंग भी उसके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। ATS और ED छांगुर बाबा के अवैध लेन-देन और संपत्ति की जांच कर रही थी।
इसी दौरान पुणे की लैंड डील का पता लगा। इसके बाद संगीता उपाध्याय का नाम सामने आया। साथ ही राजेश के खातों में ट्रांजैक्शन मिलना एजेंसियों को इसकी छानबीन की ओर ले गया। एटीएस ने इस सिंडिकेट के मुख्य सरगना छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन सहित अब तक छह प्रमुख सदस्यों को हिरासत में लिया है। इनमें रमजान (रशीद) जैसे सहयोगी भी शामिल हैं।