Ashadha Month 2024: हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना होता है। बता दें कि सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। प्रत्येक महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा गया है। आषाढ़ नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर आधारित हैं। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो नक्षत्रों में से एक नक्षत्र में रहता है, जिस कारण इस महीने का नाम आषाढ़ पड़ा है।
आषाढ़ मास का आरंभ 22 जून 2024 से हो रहा है। इस महीने की समाप्ति 21 जुलाई 2024 को होगी। आषाढ़ माह में ही जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है। इसके अलावा योगिनी एकादशी से लेकर गुप्त नवरात्रि तक भी इस माह में आएंगे। तो आइए जानते हैं आषाढ़ महीने के प्रमुख व्रत-त्यौहार के बारे में। साथ ही जानेंगे कि इस माह में किन नियमों का पालन करना चाहिए।
आषाढ़ माह 2024 व्रत–त्यौहार कैलेंडर
- योगिनी एकादशी – 2 जुलाई 2024
- प्रदोष व्रत- 3 जुलाई 2024
- मासिक शिवरात्रि- 4 जुलाई 2024
- आषाढ़ अमावस्या- 5 जुलाई 2024
- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- 6 जुलाई 2024
- जगन्नाथ रथयात्रा- 7 जुलाई 2024
- विनायक चतुर्थी- 9 जुलाई 2024
- देवशयनी एकादशी- 17 जुलाई 2024
- प्रदोश व्रत- 19 जुलाई 2024
- कोकिला व्रत- 20 जुलाई 2024
- गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा- 21 जुलाई 2024
आषाढ़ माह में करें इन नियमों का पालन
- आषाढ़ मास में रोज प्रात:काल उठकर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- आषाढ़ महीने में गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र और छाते का दान करें।
- आषाढ़ के महीने में रोजाना ‘ऊँ नम: शिवाय’, ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’, ‘कृं कृष्णाय नम:’, ‘ऊँ रां रामाय नम:’, ‘ऊँ रामदूताय नम:’, मंत्र का जाप करें।
- इसी माह में गुरु पू्र्णिमा आती है तो आषाढ़ में गुरुजनों का सम्मान करें। गुरुजनों के पूजन से जीवन में समृद्धि आती है।
- आषाढ़ मास में तामसिक चीजों (मांस-मदिरा, नशीले पदार्थ) से दूरी बना कर रखें।
- आषाढ़ माह में पत्तेदार सब्जी, तेल वाली चीजों से बचना चाहिए।