लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का सोमवार (16 दिसंबर) को पहला दिन है। समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के बीच आज तीखी बहस हुई। विधायक पल्लवी ने कहा, मैं यहां से चली जाऊंगा। जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- चली जाइए। इनका कुछ भी लिखा नहीं जाएगा। न ही माइक चालू होगा।
इसके बाद पल्लवी पटेल सदन छोड़कर चली गईं। अब वह चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास अकेले धरने पर बैठ गई हैं। इससे पहले सपा विधायक वेल तक पहुंच गए थे। यह देखकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना अपनी सीट छोड़कर खड़े हो गए थे। उन्होंने काफी देर तक सपा विधायकों को समझाया, लेकिन वे अपनी सीट पर नहीं लौटे। इसके बाद महाना ने गुस्से में हेडफोन फेंक दिया था।
विधानसभा में पेश होंगे 10 अहम अध्यादेश
हंगामे के बीच मछलीशहर से विधायक रागिनी सोनकर ने कहा कि जब सरकार गूंगी हो जाती है तो विपक्ष को चिल्लाना पड़ता है। बता दें कि चार दिन तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में प्रदेश सरकार की ओर से 10 अहम अध्यादेश पेश किए जाएंगे। सत्र के दौरान सपा और कांग्रेस बहराइच दंगे और संभल हिंसा पर सरकार को घेरेंगे।
मान सिंह ने कहा- संभल की घटना बहुत बड़ा स्कैम
विधान परिषद में मान सिंह ने कहा कि संभल की घटना बहुत बड़ा स्कैम है। इस देश का संविधान सर्वोच्चपरि है। 5 बेगुनाह मारे गए सपा ने उन्हें 5 लाख की सहायता दी। भाजपा लड़ाना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पुलिस सत्ता का आनद ले रही है। पुलिस कहां पहुंच गई? 5 लोगों की हत्या कर दी। कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा- मेरे आदेश मनोरंजन के लिए नहीं हैं। ये खुद दंगाई तैयार करते हैं। भाजपा गांधी का नहीं गोडसे का देश बनाना चाहती है। जो सांसद वहां थे ही नहीं, उनके खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज हुआ।
सपा विधायक बोले- संभल में सर्वे के बाद जय श्रीराम के नारे लगे
वहीं, माता प्रसाद पांडेय ने संभल और बहराइच का मुद्दा उठाया। संभल विधायक इकबाल महमूद ने मुद्दा रखते कहा- 24 नवंबर को एक अर्जी कोर्ट में दी गई। इसमें शाही जामा मस्जिद के सर्वे की अर्जी दायर हुई। 2 घंटे में ही सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई। सर्वे के बाद जय श्रीराम के नारे लगाए गए। इससे लोग आक्रोशित हो गए। 29 तक सर्वे करना था, लेकिन लखनऊ के आदेश से 24 को ही सर्वे हुआ, ताकि कुंदरकी में उपचुनाव में हुई गड़बड़ी को दबाया जा सके। मैं भी नहीं था, संभल के सांसद नहीं नहीं थे, फिर भी मुकदमा दर्ज किया। लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमा दर्ज कर प्रताड़ित किया गया।