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ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिका का भारत पर एक्शन, 6 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिका का भारत पर एक्शन, 6 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल कारोबार में शामिल होने के आरोप में कम से कम 6 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कार्रवाई उन 20 वैश्विक कंपनियों पर की गई कार्रवाई का हिस्सा है, जिन्हें ईरान के साथ व्यापार करने का दोषी बताया गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की। मंत्रालय का कहना है कि इन भारतीय कंपनियों ने ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद-बिक्री में महत्वपूर्ण लेनदेन किए हैं, जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन है।

किन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई हुई?

  • अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड- इस पर सबसे बड़ा आरोप है। कंपनी ने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 84 मिलियन डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपये) से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद आयात किए।
  • ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड- जुलाई 2024 से जनवरी 2025 तक कंपनी ने 51 मिलियन डॉलर (करीब 425 करोड़ रुपये) से ज्यादा के ईरानी मेथनॉल सहित अन्य उत्पाद खरीदे।
  • ज्यूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड- इसी अवधि में इस कंपनी ने टोल्यून समेत ईरानी उत्पादों का करीब 49 मिलियन डॉलर का आयात किया।
  • रमणिकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी- इसने करीब 22 मिलियन डॉलर के पेट्रोकेमिकल्स खरीदे, जिनमें मेथेनॉल और टॉल्युइन शामिल हैं।
  • पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड- अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच कंपनी ने 14 मिलियन डॉलर का ईरानी मेथेनॉल आयात किया।
  • कंचन पॉलिमर्स- इस पर 1.3 मिलियन डॉलर के ईरानी पॉलीइथिलीन उत्पाद खरीदने का आरोप है।

अमेरिका का ईरान पर आतंकी संगठनों की फंडिंग का आरोप

ये प्रतिबंध ईरान पर अमेरिका की मेक्सिम प्रेशर की नीति का हिस्सा हैं। अमेरिका का दावा है कि ईरान अपने तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री से जो आमदनी करता है, उसका इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने और आतंकी संगठनों को समर्थन देने में करता है। अमेरिका ने कहा है कि प्रतिबंधों का मकसद सजा देना नहीं, बल्कि व्यवहार में बदलाव लाना है। प्रतिबंधित कंपनियां अगर चाहें, तो अमेरिकी ट्रेजरी विभाग से प्रतिबंध हटाने की अर्जी दे सकती हैं।

इस कार्रवाई में भारत के अलावा तुर्की, चीन, UAE और इंडोनेशिया की कुछ कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है। अमेरिका के मुताबिक, ये कंपनियां ईरान के तेल व्यापार में सहयोग कर रही थीं।

इन प्रतिबंधों का असर क्या होगा?

इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों और अमेरिकी नागरिकों/कंपनियों के साथ इनके लेनदेन को तुरंत फ्रीज कर दिया गया है। कोई अमेरिकी व्यक्ति या कंपनी इन प्रतिबंधित कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर सकती।

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