नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार (21 जुलाई) से हो रही है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा और पास करने का काम किया जाएगा। इससे पहले रविवार को सभी दलों की बैठक हुई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि इस सत्र में हम पहलगाम हमले, सीमाओं पर संघर्ष, ट्रंप का सीजफायर दावा, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे मुद्दों को उठाएंगे। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे संसद के जरिए इन मुद्दों पर देश को जानकारी दें।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदन चलाना सभी की जिम्मेदारी है। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर पर किए दावों पर भी उचित जवाब देगी। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में डेढ़ घंटे से ज्यादा चली मीटिंग में कई वरिष्ठ मंत्री, एनडीए और विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे।
सरकार मानसून सत्र में 8 बिल पेश करेगी
केंद्र सरकार मानसून सत्र में 8 विधेयक (बिल) पेश करने जा रही है। इनमें देश की भू-विरासत और पुराने अवशेषों की सुरक्षा से जुड़ा एक अहम बिल भी शामिल है। जो विधेयक लाए जाएंगे, उनमें राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक प्रमुख हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए 100 से ज्यादा सांसदों ने दस्तखत किए हैं। जस्टिस वर्मा अपने घर पर जली हुई नकदी मिलने के बाद से मुश्किल में हैं। मानसून सत्र में इस मुद्दे पर सरकार विचार करेगी या नहीं, इस पर रिजिजू बोले कि यह प्रक्रिया सभी दल मिलकर करेंगे। यह अकेले सरकार का काम नहीं है।