लखनऊ: समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान को शीतकालीन सत्र से निष्कासित करने के बाद यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी हो, विधानसभा की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार (19 दिसंबर) को पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए यह बात कही।
वहीं, यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि लोकतंत्र में हमें विरोध करने और बोलने का पूरा अधिकार है। लेकिन, यह सरकार निरंकुश तरीके से काम कर रही है। इसीलिए, वे हर चीज पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर हुई थी तीखी बहस
गौरतलब है कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर सत्तापक्ष व विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई। सपा सदस्यों ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर निशाना साधा तो उन्होंने भी करारा जवाब दिया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के खिलाफ असंसदीय नारे भी लगाने लगे। मना करने के बाद भी नारेबाजी करते रहने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया। अध्यक्ष के आदेश पर मार्शल विधायक को उठाकर सदन से बाहर ले गए।
झांसी मेडिकल कॉलेज का मामला
दरअसल, विधानसभा में सपा सदस्यों ने झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में नवजात शिशुओं की मौत और निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों से जुड़े मुद्दे उठाए। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जवाब देने के लिए खड़े हुए तो सपा सदस्यों ने टीका टिप्पणी शुरू कर दी। सपा विधायकों ने सवाल उठाते समय उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे सीधा जवाब देने के बजाय आक्रोशित हो जाते हैं।