लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले में एक्शन मोड में है। इसी क्रम में मुरादाबाद, सुल्तानपुर और गोरखपुर में शासन द्वारा सख्त एक्शन लिया गया है। मुरादाबाद के जेल सुपरिटेंडेंट पीपी सिंह को शासन ने सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई संभल हिंसा के आरोपियों की जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में की गई है।
इसके पहले मुरादाबाद जिला कारागार के जेलर और डिप्टी जेलर को भी सस्पेंड किया जा चुका है। गौरतलब है कि मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन के नेतृत्व में सपा नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने 2 दिसंबर को मुरादाबाद जिला कारगार में जाकर संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी।सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट पीपी सिंह ने इस मामले में सफाई दी थी। उन्होंने कहा था- हमें ऐसे कोई निर्देश नहीं थे कि संभल हिंसा के आरोपियों की मुलाकात नहीं कराई जानी है।
सुल्तानपुर में रिश्वत मामले में एसडीएम सस्पेंड
सुल्तानपुर की जयसिंहपुर तहसील के एसडीएम संतोष कुमार ओझा को शासन ने सस्पेंड कर दिया है। 2 दिसंबर को उनके कोर्ट के पेशकार समरजीत पाल को अयोध्या एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। जांच के बाद अब शासन ने एसडीएम पर कार्रवाई की है। इससे पहले पेशकार को निलंबित किया जा चुका है। गोसाईंगंज के माधवपुर छतौना निवासी समरजीत पाल जयसिंहपुर एसडीएम कोर्ट में पेशकार थे।
एंटी करप्शन टीम ने उनको पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। टीम ने समरजीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अफसरों ने बताया कि मोहर्रम अली नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। कहा था कि उनके पिता की जमीन पर उनके चाचा अल्लादीन कब्जा कर निर्माण करवा रहे हैं। उन्होंने सरकारी बंटवारे की एप्लिकेशन दी तो पेशकार ने 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
RRB गोरखपुर के चेयरमैन नुरुद्दीन अंसारी सस्पेंड
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) गोरखपुर के चेयरमैन नुरुद्दीन अंसारी को सस्पेंड कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड ने मॉडर्न कोच फैक्ट्री में बिना परीक्षा के ही दो अभ्यर्थियों की नियुक्ति मामले में यह एक्शन लिया है। मुख्य कार्मिक अधिकारी अवधेश कुमार को चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, टेक्निकल ग्रेड थर्ड फिटर के पद पर हुई नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा में पाया गया कि सौरभ कुमार और राहुल प्रताप के नाम गलत तरीके से चयन सूची में शामिल किए गए। मामला खुला, तो दोनों नाम पैनल से हटा दिए गए। इसमें एक सेवानिवृत पैनल इंचार्ज, तो दूसरा चेयरमैन के निजी सहायक का बेटा है। रेलवे बोर्ड ने भर्ती की कार्रवाई अगले आदेश तक रोकने के निर्देश दिए हैं।