बड़ौत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की बेटी आस्था पूनिया ने भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बन प्रदेश का नाम रोशन किया है। आस्था पूनिया को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ सम्मान दिया गया। अब वह भारतीय नौसेना की लड़ाकू विमानों की पायलट बन गई हैं।
आस्था के माता-पिता सरकारी टीचर हैं। परिवार में एक छोटा भाई भी है। फैमिली पिछले 12 साल से मेरठ में रह रही है। शुरुआत से ही आस्था का सपना भारतीय नौसेना में जाने का था। आस्था के पिता अरुण पूनिया मेरठ के सरधना स्थित नवोदय विद्यालय में अध्यापक हैं। मां संयोगिता चौधरी भी सरकारी शिक्षिका हैं। आस्था ने मेरठ से ही अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद राजस्थान में रहकर डिफेंस की तैयारी की थी।
3 जुलाई को मिली उपलब्धि
3 जुलाई को बिशाखापत्तनम स्थित आईएनएस डेगा में द्वितीय बेसिक हाक कन्वर्जन कोर्स का समापन हुआ, जिसमें आस्था को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें रियर एडमिरल जनक बेवली ने सौंपा। यह सम्मान सिर्फ नौसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों को प्राप्त होता है।
एक साल पहले हुआ था चयन
पिता अरुण पूनिया के अनुसार, आस्था ने इंटरमीडिएट के बाद से ही डिफेंस की तैयारी शुरू कर दी थी। वह बचपन से ही नौ सेना में जाना चाहती थी। एक साल पहले उसका चयन नौसेना में ऑफिसर ग्रेड पर हुआ था। इसके बाद उसने फाइटर पायलट बनने के लिए अटैचमेंट कोर्स किया। आस्था की शुरुआती पढ़ाई बागपत से हुई थी। मैट्रिक गिरधारी लाल पब्लिक स्कूल और इंटरमीडिएट एसडी पब्लिक स्कूल से किया था। 12वीं के बाद दो साल पहले नौसेना के लिए आवेदन किया था।
वहीं, मां संयोगिता चौधरी ने कहा, बच्चों का सपना पूरा करना ही हमारी सबसे बड़ी खुशी है। आस्था ने अपनी मेहनत से यह साबित किया कि लड़की भी किसी से कम नहीं है। चाचा अजय पूनिया और विकास पूनिया ने बताया- यह हमारे परिवार और गांव के लिए गर्व की बात है। हम सभी आस्था की सफलता से बहुत खुश हैं। इसके अलावा आस्था के नाना नाना राजेंद्र सिंह और जयकरण सिंह ने भी ननिहाल में इस खुशी को धूमधाम से मनाया।
‘लड़कियां कभी खुद को कमतर न समझें‘
आस्था पूनिया ने कहा, ‘लड़कियों को खुद को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए। अगर इरादा मजबूत हो तो हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं।’