प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराग में दिव्य और भव्य महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी, 2025 से होगी। इस आयोजन के दौरान भीड़ और यातायात प्रबंधन को देखते हुए युवाओं को इंटरनेट मीडिया के लिए रील बनाने व सेल्फी लेने के लिए प्रतिबंध किया गया है। रील बनाने वालों पर मेला क्षेत्र में तैनात पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की सतर्क नजर रहेगी।
इस नियम का उल्लंघन करने वालों का मोबाइल जब्त करते हुए पुलिस प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई भी करेगा। पुलिस की इस सख्ती से यूट्यूबर, डिजिटल क्रिएटर, रील बनाने और सेल्फी लेने के शौकीन युवाओं को झटका लग सकता है। हालांकि, महाकुंभ में श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए जरूरी माना गया है।
महाकुंभ में आएंगे करोड़ों श्रद्धालु
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, कल्पवासियों और पर्यटकों के आने का अनुमान है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के साथ-साथ सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि मुख्य स्नान पर्व पर अखाड़ों की पेशवाई होगी। उनके वैभव और सनातन संस्कृति को देखने के लिए एकाएक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। संगम नोज सहित दूसरे स्नान घाट, बड़े हनुमान मंदिर समेत अन्य धार्मिक व दर्शनीय स्थलों पर भीड़ रहेगी। इन सबके बीच अगर वहां युवक-युवती पहुंचकर रील बनाते हैं या सेल्फी लेते हैं तो असहज स्थिति निर्मित हो सकती है।
इन लोगों को मिलेगी छूट
यह भी आशंका जताई गई है कि जिस तरह से इंटरनेट मीडिया रील बनाने वालों की संख्या बढ़ी है, युवाओं की वैसी टोली मेला क्षेत्र में पहुंचती तो वह एक स्थान पर काफी देर तक ठहरेंगे। इससे यातायात और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। ऐसे और भी कई कारणों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि महाकुंभ के दौरान रील बनाने, वीडियो शूट करने और सेल्फी लेने वालों पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा करने वालों को पुलिस-प्रशासन की ओर से अनुमति मिल सकती है। मेला क्षेत्र की परिधि में जहां पर यातायात और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था प्रभावित न हो, वहां पर लोग सेल्फी ले सकेंगे।
IIIT से सीखकर भीड़ को नियंत्रित करेंगे पुलिसकर्मी
महाकुंभ 2025 को सफलतापूर्वक संभालने के लिए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) की ओर से मंगलवार को पुलिसकर्मियों के लिए आइटी और साफ्ट स्किल्स का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। इसमें मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण के तकनीकी पहलुओं पर जोर देने के साथ ही पुलिसकर्मियों को आपात स्थितियों में संचार और समाधान कौशल का प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल की शुरुआत आइजी प्रेम कुमार गौतम के निर्देशन में की गई है, जिनका उद्देश्य मेले में तैनात पुलिसकर्मियों को आवश्यक तकनीकी और प्रबंधकीय ज्ञान से सुसज्जित करना है, ताकि वे भीड़ को कुशलता से नियंत्रित कर किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना कर सकें।