नई दिल्ली: देश में उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला सबसे प्रदूषित शहर रिकॉर्ड किया गया है। हवा सांस लेने लायक नहीं रही, बुधवार रात को यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 346 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, 297 AQI के साथ हापुड़ दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। गाजियाबाद और मेरठ की हवा साफ रही। गाजियाबाद का AQI 200 और नोएडा का AQI 162 दर्ज किया गया। मेरठ का AQI 160 रहा।
आगरा में प्रदूषण को कम करने और धूल के कणों को हवा में उड़ने से रोकने के लिए नगर निगम सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहा है। स्प्रिंगलर से शहर की सड़कों और पौधों पर पानी की बौछारें मारी जा रही हैं। बुधवार को यहां का AQI 149 रिकॉर्ड किया गया। SFI संजीव यादव ने बताया कि 8 मैकेनिकल स्वीपिंग और वाटर स्प्रिंगलर मशीनों की सहायता से सड़कों और डिवाइडरों की सफाई कर रहे हैं। धुलाई भी सुबह-शाम कराई जा रही है।
खराब हवा का बच्चों के दिमागी विकास पर बुरा असर
- खराब एयर क्वालिटी प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे तक को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
- प्रदूषण से नाक, गले, श्वास नली, फेफड़े, स्किन और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है।
- इसके अलावा ये डायबिटीज, अल्जाइमर और लगातार सिरदर्द का कारण भी बन सकता है।
- ज्यादा AQI में रहने से छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर बुरा असर पड़ता है। उनकी मानसिक क्षमता कम होने लगती है।
- इससे बचने के लिए मास्क पहनकर बाहर निकलने की जरूरत है।
- अगर जरूरत न हो तो इस समय ज्यादा देर तक घर से बाहर न रहें।
- खुले में रनिंग, एक्सरसाइज जैसे ज्यादा मेहनत वाले काम तो बिल्कुल न करें।
NCR में 15 सितंबर से लागू है ग्रेप
हर साल वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रेप सिस्टम लागू किया जाता है। इस साल वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर NCR में 15 सितंबर से ही इसे लागू कर दिया गया। ग्रेप में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, PWD, सिंचाई विभाग, NHAI, नगर पालिका, स्वास्थ्य विभाग, RTO समेत करीब 23 विभाग काम करेंगे।
प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइन
- पानी के छिड़काव के लिए टैंकर नियमित रूप से कूडा उठाएं। स्वीपिंग रोस्टर सड़कों की धुलाई कराए।
- एमडीए, आवास विकास परिषद, यूपीसीडी निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन, जिसका एरिया 2000 वर्ग मीटर से अधिक है, पीटीजेड कैमरे की स्थापना करे।
- जिले की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त की जाएं और प्राथमिकता से इसे किया जाए।
- जिले में नगर निगम, नगर निकाय, नगर पंचायत खुले में कूड़ा न डाले।
- स्वच्छ वायु ऐप, फेसबुक, X आदि के माध्यम से वायु प्रदूषण की शिकायतों का निस्तारण करें।
ये सावधानी जरूर बरतें
- प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले पॉलिथीन और टायर जैसी चीजें बिल्कुल न जलाएं।
- ऐसी जगह पर न जाएं, जहां बहुत ज्यादा धुंध है। घर से बाहर मास्क एन-95 लगाकर निकलें।
- अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
- सांस और दिल की बीमारी वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें।
- डायबिटीज और एचआईवी के मरीजों को भी खास सावधानी रखनी चाहिए।
मॉर्निंग वॉकर्स, बुजुर्ग और सांस रोगी निशाने पर
- प्रदूषित हवा के निशाने पर मॉर्निंग वॉकर्स, बुजुर्ग, सांस और दिल के मरीज और बच्चों पर होगा।
- बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल भेजें।
- बुजुर्ग, सांस और दिल के रोग भी मास्क लगाकर बाहर निकले। सुबह जल्दी और देर शाम बाहर निकलने से बचें।
- ब्रीदिंग व्यायाम करते रहें।
- धूल और धुएं वाली जगह पर जाने से बचें।