बरेली: बरेली बवाल में शामिल 15 हजार रुपये के इनामी उपद्रवी और मौलाना तौकीर रजा के पीए अफजल बेग ने आखिरकार कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बुधवार को कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब पुलिस अफजल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, जिससे यह पता लगाया जा सके कि बवाल वाले दिन वह किसके इशारे पर मैदान में उतरा था।
गौरतलब है कि 26 सितंबर को नमाज के बाद इस्लामिया इंटर कॉलेज ग्राउंड में हजारों लोग जमा हो गए थे। पुलिस ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया तो हालात बिगड़ गए। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। कई जगहों पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
मौलाना के करीबी ने छीनी थी पुलिस की गन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हिंसा में मौलाना तौकीर रजा के नजदीकी नदीम खान ने एसपी सिटी मानुष पारीक के गनर की एंटी रायट गन और वायरलेस छीन ली थी। वह वायरलेस के जरिए पुलिस की बातचीत सुनता रहा और भीड़ को लगातार उकसाता रहा। इसी मामले में अफजल बेग का नाम सामने आया, जो भीड़ को भड़काने और पुलिस पर फायरिंग कराने की साजिश में शामिल था।
पुलिस ने अफजल सहित सात उपद्रवियों पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर पुलिस टीमें लगातार अफजल के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थीं, लेकिन वह फरार चल रहा था। बुधवार को उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
350 उपद्रवियों के नंबर सर्विलांस पर
बरेली पुलिस अब इस पूरे बवाल की तह तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच में जुटी है। करीब 350 उपद्रवियों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं। इन नंबरों से जुड़े संपर्कों की भी जांच की जा रही है। कई लोगों की लोकेशन और बातचीत के आधार पर नए नाम भी सामने आ रहे हैं।
26 सितंबर के बवाल में शामिल सात इनामी उपद्रवियों में से अफजल बेग ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बाकी छह अब भी फरार हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 82 और 83 की कार्रवाई शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है।